कोण्डागांव

44 गांवों के लिए बैंक के रूप में काम कर रहीं 10 बैंक सखियां
02-Mar-2022 9:38 PM
44 गांवों के लिए बैंक के रूप में काम कर रहीं 10 बैंक सखियां

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 2 मार्च।
जिले के फरसगांव विकासखण्ड अंतर्गत 73 ग्राम पंचायतों में से 44 बैंक विहिन और दूरस्थ ग्रामों के 14098 एक्टिव जॉबकार्ड धारकों हेतु बिहान समूहों के माध्यम से 10 बैंक सखियों की नियुक्ति की गई।

ज्ञात हो कि रोजगार का अधिकार सुनिश्चित करने हेतु शासन द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना के तहत मनरेगा के लोगों को रोजगार दिला कर डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में उनकी मजदूरी का भुगतान किया जाता है। ऐसे में फरसगांव क्षेत्र के वनांचलों में विकासखण्ड मुख्यालय को मिलाकर केवल 5 बैंक की शाखायें हैं। इसके अलावा केशकाल के धनोरा में दो व नारायणपुर जिले में आने वाले बेनूर में बैंक की शाखायें उपलब्ध है।

जिससे ग्रामीणों को अपने हक के पैसों को प्राप्त करने के लिए लम्बा रास्ता तय कर दूसरे गांवो मे जाकर लम्बी लम्बी कतारों में खड़े होकर पैसा प्राप्त होता था। ऐसे में उन्हें केवल खातों में पैसे की जानकारी के लिए बहुत सारे कष्ट उठाने पड़ते थे। इसके साथ ही पैसों की जानकारी के अभाव में उन्हें मनरेगा द्वारा प्राप्त पैसों की जानकारी प्राप्त न होने पर उनका मन में मनरेगा कार्यों से भी विमुख हो जाता था।

ऐसे में कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के समक्ष शिकायतों की संख्या में वृद्धि पर पुछताछ में अधिकतर श्रमिकों को भुगतान खातों में होने के बाद भी उनकी अनभिज्ञता के कारण उनके मनोबल में कमी आने की बात अधिकारियों द्वारा बताई गई। ऐेसे में कलेक्टर ने श्रमिकों के मनोबल को उंचा उठाने व उनको उचित भुगतान कराने की आवश्यकता को देखते हुए मनरेगा के सभी भुगतानों को कार्यस्थल पर ही करवाने के निर्देश दिए। निर्देशानुसार जिला पंचायत सीईओ प्रेमप्रकाश शर्मा द्वारा फरसगांव विकासखण्ड में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले 73 ग्राम पंचायतों में से 44 बैंक विहिन और दूरस्थ ग्रामों के 14098 एक्टिव जॉबकार्ड धारकों हेतु बिहान समूहों के माध्यम से 10 बैंक सखियों की नियुक्ति की गई।

इन बैंक सखियों में करुणा, रुखमनी, धनमती, रूपेशवरी, खेमेश्वरी, जयंती, शारदा जैन, हेमबती, पुष्पा, सावित्री शामिल हैं। इन बीसी सखियों को ग्रामीणों द्वारा बैंक दीदी कहकर संबोधित किया जाता है। इन बैंक सखियों द्वारा 44 ग्राम पंचायतों में एफटीओ जारी होने के बाद ग्राम पंचायत के सचिव, रोजगार सहायकों द्वारा ग्राम पंचायत में मजदूरी भुगतान की सूचना मजदूरों को दे दी जाती है। जिस आधार पर बीसी के द्वारा कार्य स्थल और ग्रामीणों की सुविधा अनुसार ग्राम पंचायत भवन में मजदूरी भुगतान कार्य किया जाता है।

इसके संबंध में जनपद सीईओ सीमा ठाकुर ने बताया की बीसी सखियों द्वारा न केवल पैसों का लेनदेन किया जाता है। अपितु ग्रामीणों को उनके अकाउन्ट के पैसों के संबंध में भी जानकारी दी जाती है। जिससे ग्रामीणों में संतोष की भावना आती है। पांच माह में इन 10 बीसी सखियों द्वारा 6080 ट्रांजेक्शन के माध्यम से कुल 1,31, 34,975 रूपयों का वितरण किया है। इन स्वसहायता समूहों की पढ़ी लिखी कम्प्यूटर साक्षर महिलाओं के बीसी सखियों के रूप में चयन से इन महिलाओं को न सिर्फ रोजगार प्राप्त हुआ है बल्कि इसके साथ ही ग्रामीणों को नयी आस भी प्राप्त हुई है।

जिला पंचायत सीईओ प्रेम प्रकाश शर्मा ने बताया कि फरसगांव के सुदूर अंचलों में बसे गांव पूर्व में नक्सल प्रभावित हुआ करते थे। यहां तक मोबाईल कनेक्टीविटी भी उपलब्ध नहीं थी ऐसे में कोर बैंकिंग सुविधाओं के न होने से बैंकों की पहुंच यहां नहीं थी। जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए कार्य करते हुए मोबाईल कनेक्टीविटी के प्रसार के साथ बीसी सखियां इस क्षेत्र में नियुक्ति के साथ बैंक को लैपटॉप के साथ सखियां घर-घर तक पहुंचा रही हैं।

जहां आधार बेस बायोमेट्रिक्स और एकाउन्ट ट्रान्जेक्शन के माध्यम से बैंकिंग सुविधाओं के मिलने से ग्रामीणों को एक उंगली के छाप पर उनकी मेहनत का फल प्राप्त हो रहा है जिससे अधिक से अधिक संख्या में लोग मनरेगा से जुड़ रहे।

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