राजनांदगांव

शांति-सुरक्षा व्यवस्था के लिए समन्वय के साथ करें काम
04-Mar-2022 3:40 PM
शांति-सुरक्षा व्यवस्था के लिए समन्वय के साथ करें काम

कलेक्टर-एसपी ने ली बैठक, धाराओं के बारे में दी जानकारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 मार्च।
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा और पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभाकक्ष में कानून व्यवस्था के संबंध में समीक्षा बैठक ली।
कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि राजस्व और पुलिस प्रशासन को अधिकार प्राप्त होते हैं। जिसका उपयोग शांति और सुरक्षा के लिए किया जाना चाहिए। इन अधिकारों का उपयोग राजस्व और पुलिस प्रशासन को आपसी समन्वय के साथ करना चाहिए। आम नागरिकों तक संदेश जाना चाहिए कि पुलिस और जिला प्रशासन एक साथ कार्य कर रही है। किसी स्थान पर कोई घटना होने पर आपसी समन्वय से कार्रवाई करें। अपराधियों में डर की भावना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्व और पुलिस विभाग एक सिक्के के दो पहलू है। कानून व्यवस्था के लिए आपसी समन्वय महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसके माध्यम से किसी भी परिस्थितियों का सामना करते समस्या का समाधान कर सकते हैं। एसडीएम, एसडीओपी, थानेदार, तहसीलदार आपसी समन्वय रखते हुए कार्य करें।

एसपी संतोष सिंह ने कहा कि शासन की पहली प्राथमिकता पुलिस और मजिस्ट्रेट द्वारा कानून व्यवस्था पर निगरानी रखना है। पुलिस और जिला प्रशासन के आपसी समन्वय के लिए लगातार बैठके होनी चाहिए। दोनों में बेहतर समन्वय रहने से कानून व्यवस्था की स्थिति जिले में बेहतर होगी। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर नजर रखना जरूरी है। इसमें अनेक टिप्पणी होने पर विवाद की स्थिति होती है। जिससे अशांति फैलने का खतरा रहता है।

एसपी श्री सिंह ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से विभिन्न धाराओं से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने धारा 107- 116 (3) के तहत अन्य दशाओं में परिशांति कायम रखने के लिए प्रतिभूति, धारा 109 के तहत संदिग्ध व्यक्तियो के सदाचार के लिये प्रतिभूति, धारा 110 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत संदिग्ध व्यक्तियो के सदाचार के लिये प्रतिभूति, धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत शांति कायम करने अथवा आपात स्थिति से बचने के लिये, धारा 145 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत भूमि या जल से संबंधित विवादो से परिशांति भंग होने की संभावना, धारा 151 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत किसी भी व्यक्ति को संज्ञेय अपराध के संदेह पर गिरफ्तार करना, धारा 32 साक्ष्य अधिनियम के तहत मरणासन्न कथन, धारा 174 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत आकस्मिक मृृत्यु की सूचना दर्ज करना, धारा 176 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत कार्यपालिक मजिस्ट्रेट द्वारा मृृत्यु की समीक्षा करना, धारा 176 (3) दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत शव उत्खनन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

इस दौरान अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयप्रकाश बढ़ई, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय महादेवा, एसडीएम मोहला ललितादित्य नीलम, नगर पुलिस अधीक्षक गौरव राय, सहित राजस्व एवं पुलिस विभाग के अधकारी उपस्थित थे।

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