बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 4 मार्च। पूरे छत्तीसगढ़ में विकास की इबारत रचने वाले दूधगंगा इन दिनों अंधकार में नजर आ रही है, यहां पर किसानों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है और आज इन्हीं सब विषयों को देखते हुए गंगा मैया दुग्ध उत्पादन एवं प्रसंस्करण सहकारी समिति मर्यादित बालोद पंजीयन क्रमांक 87 के संचालक मंडल को भंग करने एवं पुन: चुनाव कराने के लिए उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं को सभी किसानों ने ज्ञापन सौंपकर मांग की। गंगा मैया समिति द्वारा दूध गंगा का संचालन किया जाता है।
दूध का मूल्य कर दिया कम
दूध गंगा के विकास को देखते हुए यहां पर दूध देने वाले किसानों को दूध के मूल्य में बढ़ोतरी की गई थी और 40 रुपए प्रति लीटर तक दूध खरीद आ जा रहा था परंतु विगत कुछ महीनों से दूध का मूल्य भी घटा दिया गया है जिसे 35 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है और जो वर्तमान में संचालक मंडल बैठे हैं उनका यह भी कहना है कि आने वाले दिनों में दूध का मूल्य और भी कम किया जा सकता है।
9 लाख का हुआ नुकसान
इन दिनों किसानों द्वारा दिए जाने वाले दूध का मूल्य भी कम कर दिया गया है और विगत तीन से चार महीनों में लगभग 900000 रुपए का घाटा यहां दर्शाया गया है किसानों ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां पर जिस तरीके से दूध गंगा को संचालित किया जा रहा है उससे दूधगंगा का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है आपको बता दें कि इस दूधगंगा के माध्यम से किसानों का दूध खरीदा जाता है और उन्हें प्रोसेसिंग करके विभिन्न प्रकार की मिठाई मिठाईयां पनीर दूध की पैकिंग भी की जाती है साथ ही जब यहां फायदा होता है तो इसे किसानों में भी वितरित किया जाता है।
छत्तीसगढ में मॉडल है बालोद का दूध गंगा
बालू जिले में बना हुआ दूध गंगापुरी छत्तीसगढ़ में मॉडल है इसके जैसा सफलता अन्य किसी संस्था को पूरे छत्तीसगढ़ में नहीं मिला है यहां दूध से विभिन्न प्रकार के मटेरियल बनाए जाते हैं यहां पर लगभग 50 प्रकार की मिठाइयां बनती है और पूरे जिले पर के लोग इसके ऊपर निर्भर रहते हैं यहां से दूध की पैकिंग भी की जाती है और प्रॉफिट शेयर भी किसानों के साथ किया जाता है।