बालोद
फर्जी फिक्स डिपाजिट, पासबुक में फर्जी एन्ट्री कर, खाते से किया था आहरण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 5 मार्च। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा निपानी में हुए लाखों का धोखाधड़ी मामले 1 आरोपी को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया कि प्रार्थी सत्येन्द्र वैदे पिता सुखराम वैदे नोडल अधिकारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा निपानी के द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराया कि घटना 5 जनवरी 18 से 23 फरवरी 2022 के मध्य जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा निपानी के कुछ खाता धारको के द्वारा अपने-अपने बैंक खाता एवं जमा किये गये, दोहरी अमानत (फिक्स डिपाजिट) की राशि को बैंक के सीबीएस (कोर बैकिंग सिस्टम) पर चेक करने से खाता धारको के खाता में जमा राशि मेें कमी पाई गई एवं एफडीआर की राशि जमा नहीं होना पाया जाने की शिकायत शाखा के विभिन्न खाता धारकों के द्वारा बैंक प्रबधन को शिकायत पत्र देने से बैंक प्रबधन के द्वारा 7 सदस्य की जांच टीम गठित कर जांच टीम द्वारा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा निपानी के कैशियर अजय कुमार भेडिय़ा एवं अन्य के द्वारा शाखा के अमानतदारों के खाता के प्रराम्भिक जांच पर पाया गया। कुल 18 लाख 30 हजार का धोखाधड़ी कर उनकी राशि को गबन करना पाये जाने की शिकायत पर थाना बालोद में अपराध पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया था।
बैंक के खाता धारको की शिकायत की जांच जारी है तथा धोखाधड़ी की रकम करोड़ो में पहुंचने की संभावना है। अपराध की गंभिरता को देखते हुए पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा आरोपियो का पतासाजी कर उनके विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया था। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा निपानी में जाकर आमनतदारों का कथन लिया गया, कथन में बताये गये अनुसार जरूरी दस्तावेजों को बैंक से प्राप्त कर जब्त किया गया। सायबर सेल प्रभारी के पर्यवेक्षण में अलग-अलग टीम बनाकर प्रकरण के फरार आरोपी के पतासाजी के लिए पुलिस टीम ने रायपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, धमतरी में आरोपियों से सबंधित लोगों के घर में दबिस देकर आरोपियों का पतासाजी किया गया।
मुखबीर से प्राप्त सूचना के आधार पर 4 मार्च के रात्रि में निरीक्षक के नेतृत्व में टीम को प्रकरण के मुख्य आरोपी अजय कुमार भेडिय़ा के धर पकड़ कर जिला नारायणपुर रवाना किया गया। नारायणपुर में आरोपी अपने दोस्त के घर में छुपकर रह रहा था, जिससे पकडकर 5 मार्च को थाना बालोद पुछताछ के लिए लाया गया।
आरोपी ने प्रराम्भिक पुछताछ में अमानतदारों का 03-04 वर्षो से खाताधारको का फर्जी फिक्स डिपाजिट कर, पासबुक में फर्जी पैसा सबंधित जानकारी उल्लेखित कर, खाताधारको के खाते से फर्जी पैसा आहरण पर्ची भर कर पैसा निकाल लेना तथा पैसों को अपने सह आरोपियों लिपिक दौलत राम ठाकुर एवं शाखा प्रबंधक तामेश्वर नागवंशी के साथ आपस में बाटना स्वीकार किया गया है। अरोपी से पुछताछ जारी है। जिसमें कई बड़े खुलासे हो सकते है। प्रकरण के सह आरोपी का पता तलाश जारी हैं।