राजनांदगांव
मेयर ने अधिकारियों की बैठक लेकर दिए आवश्यक निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 मार्च। महापौर हेमा सुदेश देशमुख ने शुक्रवार को अधिकारियों की बैठक लेकर जल विभाग की समीक्षा कर ग्रीष्म ऋतु में पेयजल संबंधी व्यवस्था दुरूस्त करने एवं वाटर एटीएम मशीन चालू करने के निर्देश दिए। बैठक में नगर निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी उपस्थित थे।
बैठक में महापौर श्रीमती देशमुख ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ हो चुकी है। अगामी माह में गर्मी बढऩे के पूर्व पेयजल संबंधी व्यवस्था दुरूस्त कर लिया जाए। हैंडपंपों का मरम्मत कर पाईप लाइन मरम्मत संबंधी सामग्री, एलम ब्लीचिंग आदि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि शासन की मंशानुरूप टैंकर मुक्त शहर की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कडी मेें श्रमिक बाहुल्य वार्डों नवागांव, मोतीपुर, लखोली, कंचनबाग क्षेत्र अब पूर्ण रूप से टैंकर मुक्त हो गया है और वहां पाईप लाइन के माध्यम से नगर निगम द्वारा हर घर पेयजल उपलब्बध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शेष वार्ड जहॉ टैंकर के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जाती है, वहां भी टैंकर मुक्त करना है, इसके लिए अमृत मिशन के शेष कार्यों में तेजी लाना है। टंकी निर्माण, पाईप लाइन विस्तार एवं इंटर कनेक्शन के कार्य में तेजी लाकर कार्य पूर्ण करना है, ताकि ग्रीष्म ऋतु में पेयजल समस्या न हो।
महापौर देशमुख ने कहा कि जिन क्षेत्रों में अमृृत मिशन के तहत बिछे पाईप लाइन से पेयजल आपूर्ति की जा रही है वहां पूर्व के पाईप लाइन को बंद किया जाए। वार्डों में पाईप लाइन लिकेज एवं अनावश्यक पानी बहने की शिकायत का त्वरित निराकरण किया जाए। शहर के प्रमुख स्थानों नगर निगम, जिला कार्यालय, नया बस स्टैंड, चौपाटी के पास, बसंतपुर जिला चिकित्सालय, हाट बाजार में लगे वाटर एटीएम बंद हो चुके है, जिन्हें अतिशीघ्र प्रारंभ कराया जाए, ताकि उक्त क्षेत्र के लोगों को गर्मी में शीतल पानी मिल सके।
आयुक्त डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि इस संबंध में संबंधित एजेंसी को सुधार करने नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने तकनीकि अधिकारियों से कहा कि संबंधित से एजेंसी वाटर एटीएम तत्काल ठीक कराएं। इसके अलावा संबंधित उप अभियंता पेयजल संबंधित कार्यो की सतत मानिटरिंग करे और किसी भी प्रकार की समस्या आने पर तत्काल निराकरण करें तथा पेयजल संबंधित शिकायतों का भी निराकरण करें, ताकि ग्रीष्म ऋतु में पेयजल व्यवस्था बाधित न हो।