राजनांदगांव
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घर संभालती महिलाओं की व्यापार में बढ़ी सूझबूझ
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 मार्च। आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उनकी उपलब्धियों पर चर्चा करने का दिन है। महिलाओं की विभिन्न क्षेत्रों में बनी पहचान उनकी समझ और बढ़ते दायरे को अब चहुंओर तारीफ मिल रही है। इसी कड़ी में राजनांदगांव की महिला स्व-सहायता समूहों ने व्यापार के क्षेत्र में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है।
पिछले कुछ बरस में अलग-अलग कारोबार कर रही महिलाओं ने ऋण लेकर व्यापारिक जगत में अपना दखल बढ़ाया है। व्यापारिक क्षमता इस बात का द्योतक है कि एक अरब रुपए का ऋण लेकर कारोबारी ताकत को महिलाएं जाहिर कर रही हंै।
जिले में स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने जज़्बा दिखाते बैंकों से 107 करोड़ 75 लाख रुपए ऋण लेकर आर्थिक गतिविधियों के लिए विभिन्न मशीनरी स्थापित की और व्यावसायिक गतिविधियों में संलग्र होकर सशक्तिकरण की दिशा में नई कहानी गढ़ रही हैं। इससे महिलाएं लाभ प्राप्त कर अपने ऋणों का भुगतान बैंकों को कर रही हंै और स्वयं आत्मनिर्भर होकर परिवार का सहारा बन रही हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक स्वसहायता समूह की महिलाएं बैंक लिंकेज के माध्यम से ऋण प्राप्त कर जिले में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित कर रही है। वित्तीय वर्ष 6 हजार 557 स्वसहायता समूह की महिलाओं ने 107 करोड़ 75 लाख रुपए ऋण लिया है। यह निर्धारित लक्ष्य के 133 प्रतिशत है, जो पूरे प्रदेश मेें सर्वाधिक है। वित्तीय वर्ष में स्वसहायता समूहों को लगभग 120 करोड़ रुपए तक बैंक ऋण प्राप्त हो सकेगा। योजना अंतर्गत स्वसहायता समूहों के लिए 80 करोड़ 74 लाख रूपए बैंक ऋण लिंकेज उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। स्वससहायता समूहों को प्रदान बैंक ऋण के विरूद्ध एनपीए का प्रतिशत केवल 3.09 प्रतिशत है, जो राज्य में स्वसहायता समूह को प्रदाय बैंक ऋण के विरूद्ध एनपीए से भी कम है।
पिछले वित्तीय वर्ष स्वसहायता समूह की महिलाओं ने 94 करोड़ 48 लाख रूपए का ऋण लिया था। जिले में अब तक 16 हजार 674 स्वसहायता समूहों को लगभग 380 करोड़ रूपए बैंक लिंकेज के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया गया है, जिसमें स्वसहायता समूहों द्वारा 265 करोड़ रूपए ऋण का भुगतान बैंक को कर दिया गया है। शेष बैंक ऋण योजना के अनुसार वापस किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्तर पर बनाई पहचान
महिलाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। जिले के स्वसहायता समूह को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा रहा है। महिलाएं गौठानों से जुडक़र आर्थिक गतिविधियां संचालित कर रही है। इस वर्ष डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम सोनेसरार की आस्था संकुल संगठन की स्वसहायता समूह को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विज्ञान भवन दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा। इधर महिलाएं विभिन्न आर्थिक गतिविधियां के माध्यम से स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ रही है।
गौठान में लगभग 688 स्वसहायता समूह की महिलाएं गौठानों से जुडक़र विभिन्न उत्पाद तैयार कर रही है। इनमें मसाला, हर्बल गुलाल, चंदन, फिनाईल, साबुन, बड़ी, पापड़, आचार, मुर्गी पालन, बकरी पालन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन, बांस हस्तशिल्प वस्तु निर्माण, तार फैंसिंग, सीमेंट पोल निर्माण, सब्जी उत्पादन, वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर रहीं हैं। गौठानों में मशीनरी स्थापित करने के लिए समूहों को बैंकों से जोड़ा गया है।