राजनांदगांव
![पुरेंदेश्वरी से मिलकर छुईखदान की पूर्व नपा अध्यक्ष ने की भाजपा नेताओं की शिकायत पुरेंदेश्वरी से मिलकर छुईखदान की पूर्व नपा अध्यक्ष ने की भाजपा नेताओं की शिकायत](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1646729321ipali_Jain.jpeg)
समय आने पर प्रदेश प्रभारी ने कड़ी कार्रवाई करने दीपाली जैन को दिया भरोसा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 मार्च। अविश्वास प्रस्ताव के चलते पद गंवाने के बाद छुईखदान नगर पंचायत की तत्कालिन अध्यक्ष डॉ. दीपाली जैन ने राजनीतिक घटनाक्रम से जुड़े मामलों को लेकर प्रदेश प्रभारी डी. पुरेंदेश्वरी से मुलाकात कर भाजपा नेताओं की भूमिका को लेकर विस्तृत जानकारी दी है।
बीते दिनों पुरेंदेश्वरी के छत्तीसगढ़ दौरे में छुईखदान नगर पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव लाने की मुहिम में पदे के पीछे भाजपा नेताओं की भूमिका को लेकर बिंदुवार जानकारी दी है। डॉ. श्रीमती जैन को उनके ही पार्टी के भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस के साथ मिलकर पदच्युत कर दिया। सामान्य सभा की बैठक में उन्हें 12/3 से उन्हें मात मिली। जिसके चलते उन्हें अपनी कुर्सी छोडऩी पड़ी। भाजपा के भीतर चर्चा है कि छुईखदान के ही एक भाजपा नेता ने पूरे मामले में अहम भूमिका अदा की है। बागी भाजपा और कांग्रेस पार्षदों को उकसाने से लेकर उनके सैर-सपाटे की व्यवस्था करने के पीछे भी भाजपा नेता की ही भूमिका है। उक्त भाजपा नेता का जिले के एक नेता से रिश्तेदारी है। जिसके चलते उन पर संगठन ने अब तक कार्रवाई नहीं की है।
मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. जैन ने प्रदेश प्रभारी को कुछ नेताओं के नाम लिखित में दिए हैं। वहीं उन्होंने पूरे मामले में संगठन के ढीले रवैये को लेकर भी आपत्ति की है। इस संबंध में डॉ. श्रीमती जैन ने ‘छत्तीसगढ़’ से प्रदेश प्रभारी के समक्ष उन्होंने सभी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता का नाम सार्वजनिक रूप से लेना पार्टी के मर्यादा के विपरीत है। पार्टी फोरम में अपनी बात उन्होंने रख दी है। उनका दावा है कि प्रदेश प्रभारी ने भाजपा नेताओं पर कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। इस बीच उन्होंने अपने अगले राजनीतिक कदम को लेकर खुलकर बात करने से इन्कार कर दिया। नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी गंवाने के बाद वह मंथन कर रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता के नशे में कांग्रेस निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को हटाने की साजिश रचकर लोकतंत्र की हत्या कर रही है। आने वाले समय में इसके परिणाम कांग्रेस को भुगतने पड़ेंगे।