राजनांदगांव

सुनाई दे रही नगाड़ों की थाप, रंगों का बाजार सजा
14-Mar-2022 12:54 PM
 सुनाई दे रही नगाड़ों की थाप, रंगों का बाजार सजा

4 दिन बाद होलिका दहन और रंगोत्सव का पर्व
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 14 मार्च।
रंगों के त्यौहार होली पर्व की तैयारी के बीच पारंपरिक नगाड़ों की थाप सुनाई दे रही है। नगाड़ों के कारोबारी शहर के चौराहों पर परंपरागत थाप देकर त्यौहार के उत्साह को बढ़ा रहे हैं। वहीं बाजार में रंग-गुलाल के दुकान सजते ही पर्व को लेकर रौनक बढ़ी है। कोरोनाकाल के दो साल में त्यौहार का पारंपरिक उत्सव की चमक फीकी रही। इस साल कोरोना के घटते मामलों के साथ दीगर राज्य से रंग-गुलाल के व्यापारी शहर में दुकान लगा चुके हैं। इधर नगाड़ों की खरीदी-बिक्री भी बढ़ी है। डोंगरगढ़ और दूसरे इलाकों से आए व्यापारी गुजरे दो साल में ठप पड़े व्यवसाय से अच्छी कमाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

डोंगरगढ़ की कुंती ने बताया कि वह 250 रुपए से 2 हजार रुपए तक के नगाड़े बेचने बेच रही है। इधर बाजार में कई तरह के रंग का कारोबार शुरू हो चुका है। परंपरागत रंगों में खास केशरयुक्त रंगों की मांग है। वहीं गुलाल की भी पारंपरिक मांग बनी हुई है। इस साल होली पर्व पर अच्छे व्यवसाय करने के लिए उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से व्यापारी पहुंचे हुए हैं। शहर के जयस्तंभ चौक, जूनीहटरी, गुडाखू लाइन में भी बाहरी व्यापारियों ने दुकान सजा रखी है। केमिकलयुक्त रंगों से व्यापारियों ने दूरी बढ़ा ली है। पिछले कुछ सालों से केमिकल के चलते लोगों की सेहत पर भी रंगों का विपरीत असर पड़ा है। खासतौर पर चीन आयतित रंगों और सामग्रियों ने लोगों के लिए  परेशानी खड़ी कर दी है। रसायन भरे रंगों से आंखों में जलन और चमडियों के खराब होने की शिकायतें सामने आई। इस साल होली पर्व पर बाजार में काफी चहल-पहल बढ़ी है। कोरोना की मार से लोगों को रंगों के त्यौहार पर घर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा। वर्तमान में हालात अब सामान्य हो चले हैं। ऐसे में व्यापारिक गतिविधियां भी व्यापार में बढ़ी है। होली पर्व पर रंगों का छिडक़ाव करने के लिए युवाओं में खासा उत्साह दिख रहा है। बाजारों में परंपरागत पिचकारी और दूसरी  वस्तुओं की खरीदी भी तेज हुई है।

 17 को होलिका दहन
17 मार्च यानी गुरुवार को परंपरागत रूप से होलिका दहन के साथ पर्व का आगाज होगा। वहीं दूसरे दिन 18 मार्च को रंगों की बरसात होगी। घरों में त्यौहार को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। होली में परोसे जाने वाले परंपरागत व्यंजन और मिठाईयां भी तैयार हो रही है। बीते साल घरों में लोगों को कोरोना ने दुबकने पर मजबूर कर दिया। ऐसे में आपसी सौहाद्र्र के इस त्यौहार पर लोग एक-दूसरे से मिलने में दूरी बनाए रखे। कोरोना के खात्मे के साथ त्यौहारी खुशी भी असर दिखा रही है। रंगों के त्यौहार में अब लोगों को गले लगने का मौका मिला है। होली के दिन घरों में फागुन के गीत भी गाये जाएंगे। वहीं समूहों में अलग-अलग घरों में फाग गीतों की मधुर धुन सुनाई देगी।
 

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