राजनांदगांव

छुईखदान अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, इसलिए हटाया
14-Mar-2022 2:11 PM
छुईखदान अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, इसलिए हटाया

भाजपा के बागी पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव की पहली बार गिनाई वजहें

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 14 मार्च।
छुईखदान नगर पंचायत में तख्तापलट कर अपने ही पार्टी के अध्यक्ष को पदच्युत किए जाने के बाद भाजपा के निशाने पर आए पार्षदों ने राजनीतिक घटनाक्रम की असल वजहों को लोगों के सामने लाया है। अविश्वास प्रस्ताव के मामले में अध्यक्ष डॉ. दीपाली जैन की कथित भ्रष्टाचार सोच को लेकर पार्षदों ने खुलकर खामियां गिनाई। छुईखदान नगर पंचायत में बाहरी हस्तक्षेप कमीशन जैसे गंभीर मामलों को लेकर बागियों ने अध्यक्ष के साथ-साथ संगठन के नेताओं को भी घेरा है। भाजपा नेताओं पर आरोप लगाते बागियों ने कहा कि कई बार शिकायत करने और मामले में दखल देने की गुजारिश को बेहद हल्के में लिया गया। यह दुर्भाग्य है कि अध्यक्ष ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार का रूप देने की कोशिश की। इस पर शीर्ष नेताओं ने आंखे मंूद ली थी। दरअसल भाजपा पार्षदों का यह रूख इसलिए सामने आया, क्योंकि पार्टी ने सभी 6 को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है।

पार्टी फोरम ने किया अनसुना
पार्टी से बाहर किए गए पार्षद उमाकंात महोबिया, राकेश वैष्णव, पन्ना मंडावी, इमरान खान, अनुभा संजय जैन व सुरेश यादव ने बताया कि लगातार पार्टी फोरम में बात रखी जा रही थी, लेकिन आश्वासन के अलावा संगठन ने कुछ भी ठोस निर्णय नहीं लिया। नगर विकास का अध्यक्ष के रवैये से बंटाधार हो गया था। पार्टी यदि सुनती तो ऐसे हालात नहीं बनते। पार्षदों ने आरोप लगाया कि उनका निष्कासन गलत तरीके से किया गया है। बिना नोटिस दिए निष्कासित करने का संगठन को अधिकार नहीं है। बहरहाल सभी पार्षदों ने नगर पंचायत अध्यक्ष को हटाने के फैसले को जायज ठहराया है।
 

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