राजनांदगांव
![कवर्धा-कुकदूर में सरकारी जमीन पर लगे झंडे को जलाने से बवाल, गोंडवाना पार्टी ने घेरा थाना कवर्धा-कुकदूर में सरकारी जमीन पर लगे झंडे को जलाने से बवाल, गोंडवाना पार्टी ने घेरा थाना](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/16481166123.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 मार्च। कवर्धा जिले के आखिरी छोर में बसे आदिवासी बाहुल्य कुकदूर में बुधवार को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सामाजिक झंडे को कथित तौर पर जलाने के मामले में थाना घेर लिया। थाना कूच करने की खबर के बाद कवर्धा और आसपास के थाना प्रभारियों और भारी भरकम पुलिस जवानों को इलाके में तैनात किया गया।
दरअसल, पूरा विवाद सरकारी जमीन पर तथाकथित रूप से आदिवासी समाज और गोंगपा का कब्जा होने से जुड़ा हुआ है। कुकदूर से करीब 12 किमी दूर मंगली गांव में वनभूमि पर लगभग 6 सौ एकड़ जमीन को समाज निजी बता रहा है। इस जमीन पर कब्जा करने के लिए कुछ सालों से आदिवासी समाज का झंडा लगाया गया है। पिछले दिनों झंडे को अज्ञात शख्स ने आग लगा दिया। इस खबर से न सिर्फ कुकदूर बल्कि मंडला जिले के आदिवासी भडक़ गए।
बताया जाता है कि मंडला-कवर्धा की सीमा पर बसे कतिपय नेताओं ने इसे सामाजिक मुद्दा बना लिया है। समाज की ओर से दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की जा रही है, वहीं प्रदर्शन करते हुए आज सैकड़ों लोग थाने के करीब पहुंच गए। पुलिस ने सुरक्षागत विषय होने के चलते थाना और पूरे इलाके में फोर्स तैनात कर दिया।
इस संबंध में एसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे समाज के लोगों को समझाईश दी गई है।
इधर, समाज और गोंगपा ने कार्रवाई के लिए प्रशासन को 15 दिन का वक्त दिया है। ज्ञात हो कि पिछले कुछ महीनों के भीतर कवर्धा में झंडों को लेकर सामाजिक स्तर पर विवाद बढ़े हंै। इस मामले में मंडला और डिंडौरी जिले के आदिवासी नेताओं की भूमिका पर पुलिस की नजर है।