राजनांदगांव
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कौशिक, बृजमोहन और राजेश समेत बड़े नेताओं को मंडलों जिम्मा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 मार्च। खैरागढ़ उपचुनाव को भाजपा ने प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। आगामी विधानसभा चुनाव से करीब डेढ़ वर्ष पहले हो रहे उपचुनाव भाजपा के लिए कठिन परीक्षा बन गई है। पार्टी ने कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा को घेरने के लिए समूचे विधानसभा के मंडलों में आला नेताओं को जिम्मेदारी सौंप दी है।
भाजपा की इस सटीक रणनीति से यह साफ जाहिर हो रहा है कि पूरे विधानसभा में पार्टी ने मोर्चाबंदी कर ली है। सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी माना है कि विधानसभा चुनाव से पहले खैरागढ़ का उपचुनाव सेमीफाइनल जैसा होगा। राजनीतिक द्वंद में दोनों पार्टी अब आमने-सामने हैं। भाजपा की इस चुनाव को लेकर गहरी दिलचस्पी इसी बात से समझ में आ रहा है कि न सिर्फ संगठन के बल्कि राज्य के पूर्व मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक और सत्ता संगठन में अहम पदों पर रहे नेताओं को चुनावी मोर्चे पर उतारा है। संगठन एक-एक वोट की अहमियत को समझते हुए मंडलों और बूथ स्तर के पदाधिकारियों के साथ तालमेल बनाने पर जोर दे रहा है।
चर्चा है कि यह चुनाव कई राजनीतिक नेताओं के भविष्य को तय करेगा। पार्टी ने खैरागढ़ मंडल के 5 मंडलों में शीर्ष नेताओं को जिम्मेदारी सौंप दी है। जिसमें छुईखदान प्रभारी राज्य के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, खैरागढ़ शहर प्रभारी बृजमोहन अग्रवाल, खैरागढ़ ग्रामीण में प्रभारी राजेश मूणत को नियुक्त किया है। वहीं गंडई प्रभारी के रूप में शिवरतन शर्मा चुनावी रणनीति बनाएंगे। साल्हेवारा में पूर्व मंत्री केदार कश्यप पार्टी की जीत का मार्ग प्रशस्त करने सियासी पैतरेबाजी करेंगे। इसी तरह पार्टी ने प्रभारियों के साथ सह-प्रभारियों की भी नियुक्ति की है। जिसमें छुईखदान भूपेन्द्र सवन्नी, मोतीराम चंद्रवंशी, खैरागढ़ शहर में केदारनाथ गुप्ता, खैरागढ़ ग्रामीण में नारायण चंदेल, अनुराग सिंहदेव, गंडई में संजय श्रीवास्तव और साल्हेवारा में जगदलपुर के पूर्व महापौर किरणदेव तथा भाजयुमो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा जिम्मा सम्हालेंगे। दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारने के पीछे पार्टी का एकमात्र लक्ष्य है कि हर बूथ में प्रत्याशी के वोटों में इजाफा होना चाहिए। पार्टी ने पिछले चुनाव में हारे बूथों पर भी ध्यान केन्द्रित किया है। पार्टी का लक्ष्य है कि पिछले बूथों में मिली हार को भुलाकर कम से कम 5 से 10 वोटों का बढ़त मिले। इस आधार पर पार्टी जीत हासिल करने के लिए पूरी कसरत कर रही है।
रमन-संतोष की साख दांव पर
खैरागढ़ उपचुनाव पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और सांसद सांसद संतोष पाण्डेय की साख दांव पर है। वहीं पूर्व सांसद अभिषेक सिंह तथा प्रत्याशी कोमल जंघेल का भी राजनीतिक भविष्य यह चुनाव तय करेगा। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्वाचन जिले में हो रहे इस उपचुनाव के नतीजे पार्टी का भविष्य भी तय करेगा। कोमल जंघेल के लिए यह चुनाव बेहद प्रतिष्ठापूर्ण हो गया। उन्हें संगठन ने 5वीं बार बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा है। पूर्व सांसद अभिषेक सिंह के लिए भी यह चुनाव बेहद अहम है।