राजनांदगांव
![चुनावी मोर्चे पर सरकार के मंत्री-संसदीय सचिव और तीन दर्जन संगठन के नेता चुनावी मोर्चे पर सरकार के मंत्री-संसदीय सचिव और तीन दर्जन संगठन के नेता](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1648452562ongress_Panja.png)
खैरागढ़ उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने झोंकी ताकत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 मार्च। खैरागढ़ उपचुनाव के मोर्चे पर राज्य सरकार के मंत्री से लेकर संसदीय सचिव और विधायकों के साथ तीन दर्जन प्रदेश के नेताओं को जवाबदारी दी गई है। दरअसल भाजपा ने भी कांग्रेस प्रत्याशी की चौतरफा घेराबंदी करने के लिए राष्ट्रीय और प्रदेश के नेताओं के साथ क्षेत्रीय नेताओं को भी जिम्मा सौंपा है।
भाजपा की रणनीतिक तैयारी के जवाब में कांग्रेस ने भी अपने मंत्रियों, संसदीय सचिव, विधायकों, पूर्व विधायकों और सत्तारूढ़ दल के दर्जा प्राप्त मंत्रियों को भी चुनाव में कामकाज सौंपा है। इसके अलावा राज्यभर के सांगठनिक नेताओं, जिला पंचायत सदस्यों, जनपद और सरपंचों को भी पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने की जवाबदारी दी है। राजनीतिक द्वंद में भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला है। शुरूआती प्रचार में कांग्रेस प्रत्याशी की तैयारी कमजोर दिख रही है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल के पक्ष में नामांकन दाखिले के बाद से ही संगठन ने प्रचार का जिम्मा अपने सिर उठा लिया है। कांग्रेस ने संगठन को फिलहाल अब जिम्मेदारी दी है। नतीजतन चुनाव प्रचार की मियाद की सीमा निश्चित होने के कारण प्रचार के लिहाज से हर दिन मायने रखता है।
मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पार्टी के स्टॉर प्रचारक होंगे और उनके साथ पीएल पुनिया भी प्रचार में नजर आएंगे। सरकार यह मानकर चल रही है कि बगैर राष्ट्रीय नेताओं के उपचुनाव का जीतना तय है। भाजपा ने राष्ट्रीय नेताओं की भूमिका को उपचुनाव के लिए कारगर माना है। कांग्रेस ने राज्य सरकार के सभी मंत्रियों को अलग-अलग क्षेत्रों में जिम्मेदारी दी है। फिलहाल रविन्द्र चौबे और कवासी लखमा मोर्चा सम्हाले हुए हैं। प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत भी चुनावी रण पर उतर चुके हैं। चुनाव प्रचार के लिए अगले कुछ दिनों में पूरी सरकार खैरागढ़ क्षेत्र में ताकत के साथ प्रचार करेगी। चर्चा है कि राष्ट्रीय नेताओं को उपचुनाव के प्रचार करने शामिल करने की भाजपा की योजना भी कांग्रेस के लिए एक मुद्दा बन सकती है। चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री छत्तीसगढिय़ा संस्कृति को लेकर आम मतदाताओं के बीच पहुंच सकते हैं। कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा द्वारा बाहरी नेताओं को बुलाए जाने के मामले को मुद्दा बनाने पर जोर दिया है। मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल की उपलब्धियों के साथ-साथ संस्कृति, त्यौहार के विषयों का बखान कर छत्तीसगढ़ के प्रति लगाव को जाहिर करतेे प्रचार करेंगे।
इधर कांग्रेस ने बूथ स्तर पर भी व्यापक तैयारी की है। मंत्रियों की निगरानी में बूथों की व्यवस्था मजबूत की जाएगी। बूथ के अलावा अन्य मैनेजमेंट से जुड़े मामलों में भी मंत्रियों की सलाह के आधार पर सरकार प्रचार की नीति बनाएगी।