राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 मार्च। ग्रीष्म ऋतु की दस्तक के साथ ही तापमान ने अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। मार्च माह के आखिरी दिनों में प्रचंड गर्मी से हालत लगातार बिगड़ रहे हैं और लोग स्कार्फ और टोपी व चश्मा का सहारा ले रहे हैं। दिन में आसमान से सूरज जहां आग के गोले बरसा रहा है। वहीं रात को भी लोगों को गर्मी और उमस से हलाकान होना पड़ रहा है। आलम यह है कि रात को भी दिन की तर्ज पर पसीने से तरबतर होना पड़ रहा है। रात के तापमान में हालांकि कमी होने से लोगों को ठंडकता का अहसास हो रहा है। मार्च माह में गर्मी से बनी स्थिति को भांपकर लोग अप्रैल और मई महीने में संभावित गर्मी से डरने लगे हैं।
बताया जाता है वर्तमान माह में पारा करीब 40 डिग्री सेल्सियस होने से दोपहर में सडक़ें जहां सूनी नजर आ रही है। वहीं दोपहर के समय आवागमन करने वाले बिन बारिश के छाता का भी उपयोग करने लगे हैं। इसके अलावा फुटपाथ पर दुकान संचालित करने वाले भी दोपहर को दुकानें बंद कर शाम को संचालित करने लगे हैं। इधर सुबह सूर्य निकलने के बाद लगभग 10 से 11 बजे सूर्य की तपिश से जहां लोगों को परेशान होना पड रहा है। वहीं सडक़ों में सन्नाटा पसरने से दुकानदार भी घरों की ओर रूख कर शाम को दुकान खोलने लगे हैं। इधर शाम को बाजार क्षेत्र में भी तापमान में गिरावट होने से लोगों की चहल-पहल बनी रहती है। सूर्य की तपिश को लेकर घर से बाहर निकलने वाले लोग हाथों में छाता व स्कार्फ बांधकर निकल रहे हैं। वहीं तापमान बढऩे से सबसे ज्यादा दिहाड़ी मजदूरों की दिनचर्या प्रभावित होगी। इस बीच बढ़ती गर्मी से लोगों को अचेत होने जैसा आभास भी हो रहा है।
बताया जाता है कि बढ़ते तापमान से शरीर की आंतरिक शक्ति भी जवाब देने लगी है। यही कारण है कि लोग घर से निकलने के लिए सोचने पर विवश हो रहे हैं। आराम तबल नौकरी-पेशा वालों को इससे सबसे ज्यादा दिक्कते आ रही है। आमतौर पर अप्रैल के आखिरी और मई महीने के अंत के बीच ही सूर्य के तेवर तीखे होते हैं।
ठंडे पेय पदार्थों की सजी दुकानें
ग्रीष्म ऋतु के प्रारंभ होते ही शहर के अलग-अलग हिस्सों में ठंडे पेय पदार्थों की दुकानें शुरू हो गई है। गर्मी से राहत पाने के लिए लोग गन्ना रस, जूस व लस्सी का सेवन करने लगे हैं। शहर के नंदई, पुराना व नया बस स्टैंड समेत अंदरूनी और बाहरी क्षेत्रों में गन्ना रस की दुकानों के अलावा जूस व लस्सी की दुकानें सज गई है। इन दुुकानों में राहगीर व अन्य लोग पहुंचने लगे हैं।
प्याऊ घर हुए गायब
गर्मी का सीजन शुरू होते ही शहर के अलग-अलग इलाकों में राहगीरों और लोगों की प्यास बुझाने प्याऊ घरों का संचालन होता रहा है। इस वर्ष शहर के अलावा बाहरी क्षेत्रों से प्याउ घर गायब हो गए हैं। ऐसे में लोगों को अपनी प्यास बुझाने जेबें ढीली करनी पड़ रही है।