कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 30 मार्च। नाबालिग के अपहरण के आरोपी को कोर्ट ने कारावास व अथर्दण्ड की सजा सुनाई है। इस प्रकरण में शासन की ओर से प्रभा मिश्रा विशेष लोक अभियोजकय, एट्रोसिटी ने पैरवी की।
इस प्रकरण के संबंध में विशेष लोक अभियोजक एट्रोसिटी प्रभा मिश्रा ने बताया कि पीडि़ता गांव में अपनी मां एक बड़ी बहन और तीन बड़े भाईयों के साथ रहती है। फरवरी 2020 में नारायणपुर जिला में मैराथन दौड़ में पीडि़ता के स्कूल के पांच लडक़े और दस लडक़ी दौड़ में भाग लिए थे। 8 फरवरी 2020 को सुबह मैराथान दौड़ के बाद सभी लोगों को मेडल दिया गया। जिन्हें मेडल नहीं मिला, उन सभी लोगों को बाद में मंच के पास बुलाए थे। उसी समय पीडि़ता का परिचय राजनांदगांव के आरोपी अखिल कुमार साहू से हुआ था। आरोपी पीडि़ता का नाम पता पूछा और उसका मोबाइल नंबर लिया व अपना नाम पता व मोबाईल नंबर पीडि़ता को दिया। तब से पीडि़ता और आरोपी के बीच मोबाइल से बातचीत होती थी। पीडि़ता और आरोपी एक-दूसरे को पसंद करने लगे थे। फरवरी में नारायणपुर में मेला होने से आरोपी पीडि़ता को मोबाइल से नारायणपुर मेला देखने बुलाया था। जिस पर पीडि़ता अकेले मेला देखने नारायणपुर गई। पीडि़ता आरोपी के साथ मेला घूमने के बाद शाम को आरोपी उसे मोटर सायकल में बिठाकर घर छोडऩे गया था और पीडि़ता का घर देखा था।
8 अप्रैल 2020 को करीब 12 बजे आरोपी फोन करके पीडि़ता को बोला कि वह उसे बहुत पंसद करता है और शादी करना चाहता है। आरोपी पीडि़ता को राजनांदगांव में अच्छा सा काम दिला दूंगा कहकर 9 अप्रैल 2020 को लेने आउंगा तैयार, रहना बोला। इसके दौरान 9 अप्रैल को साढ़े सात बजे आरोपी अपने एक साथी के साथ मोटरसायकल में पीडि़ता के गांव आया और उसे फोन करके रोड में बुलाया और बोला चलो हमारे साथ मैं तुमको राजनांदगांव में काम दिलाउंगा, तुम अपने घर वालो को बताई हो कि नहीं, जिस पर पीडि़ता ने मना की और बोली वह अभी नहीं जाएगी, अभी लॉकडाउन चल रहा है तो आरोपी पीडि़ता को जबरदस्ती मोटरसायकल में बिठाया और ले गया। वे लोग फरसगांव गुरुद्वारा के पास खाना खाए और मांझी आठ गांव के जंगल में रुके थे। सुबह उन लोग मांझीआठगांव से निकले और केशकाल पहुंचे, जहां नाका के पास पुलिस चेकिंग वाले रोककर पूछताछ किए और पीडि़ता के घर वालों को सूचना दिए कि, फरसगांव पुलिस उन तीनों को फरसागंव लेकर आए।
पीडि़ता की मां के लिखित आवेदन पर थाना फरसगांव में धारा 363, 366, 34 भादवि का प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया। इस प्रकरण में विवेचना के दौरान पीडि़ता से उसका जाति प्रमाण पत्र जब्त किया गया। पीडि़ता के अनुसूचित जनजाति की सदस्या होने से प्रकरण में एस.सी.एस.टी.पी.ए एक्ट 1989 की धारा 3, 2, 5 जोडा गया।
इस दौरान कोण्डागांव जिले के विशेष सत्र न्यायाधीश एट्रोसिटी के न्यायाधीश सुरेश कुमार सोनी ने प्रकरण का विचारण कर आरोपी को धारा 363 को दोष सिद्ध पाते हुए। आरोपी को 6-6 माह के पृथक कारावास व 5 हजार रुपए के अर्थदंड व अर्थदंड के व्यतिक्रम 1-1 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगताए जाने का आदेश पारित किया है।