राजनांदगांव
![उपचुनाव के लिए 4 हजार जवान तैनात उपचुनाव के लिए 4 हजार जवान तैनात](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1648710868jn__5_(2).jpeg)
बकरकट्टा, साल्हेवारा सीमा के बूथों की करेंगे निगरानी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 मार्च। खैरागढ़ उपचुनाव के लिए नक्सल क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त होंगे। उपचुनाव में नक्सल उपद्रव की आशंका के मद्देनजर बकरकट्टा और साल्हेवारा सीमा पर लगभग 4 हजार जवान चुनावी मोर्चा में तैनात होंगे। चुनाव के लिए पैरामिलिट्री फोर्स की 22 कंपनियां जिले में आमद दे चुकी है। सुरक्षा का जिम्मा सम्हालने के लिए केंद्र सरकार ने बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और आईटीबीपी के जवानों को भेजा है।
खैरागढ़ उपचुनाव के दौरान बकरकट्टा और साल्हेवारा के अंदरूनी गांवों में नक्सलियों के हिंसक घटनाओं को लेकर पुलिस सतर्क है। एहतियातन फोर्स को मतदान केंद्रों के लिए रवाना कर दिया गया है। इस तरह लगभग 2200 पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात रहेंगे। वहीं जिला पुलिस बल के अलावा एसटीएफ भी दूसरे इलाकों में तैनात रहेगी।
मिली जानकारी के अनुसार 30 मार्च को एसपी संतोष सिंह के निर्देशन में खैरागढ़ विस उपचुनाव में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने एवं ज्यादातर क्षेत्र नक्सल प्रभावित होने से नक्सल गतिविधि पर नजर रखने एवं क्षेत्र में एरिया डोमिनेशन व सर्चिंग ऑपरेशन करने व स्ट्रांग रूम की सुरक्षा एवं मतदान केन्द्रों तक ऑबजर्वर, चुनाव दल की सुरक्षा के लिए समुचित व्यवस्था की गई है।
एक जानकारी के मुताबिक पैरामिलिट्री फोर्स में सीआरपीएफ की 9, बीएसएफ की 5, एसएसबी और आईटीबीपी की 4-4 कंपनी समेत कुल 22 कंपनियां चुनावी मोर्चे में तैनात की गई है। वहीं जिला पुलिस बल के हजार जवान इलाकों में तैनात रहेंगे। इधर खैरागढ़ विधानसभा के 291 बूथों में से 24 बूथ अतिसंवेदनशील क्षेत्र में स्थित है। 18 बूथ संवेदनशील माने गए हैं। इस तरह सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पैरामिलिट्री फोर्स को जवाबदारी दी गई है। सूत्रों का कहना है कि उपचुनाव के बीच नक्सलियों की मूवमेंट की भी खबरें आ रही है।
नक्सलियों के हिंसक हमले का जवाब देने के लिए जवानों ने पूरा जिम्मा अपने कंधे में उठा लिया है। बहरहाल पैरामिलिट्री फोर्स के आने से पुलिस जवानों को भी राहत है। 12 अप्रैल को मतदान के दौरान पूरे इलाके को पैरामिलिट्री फोर्स ही सम्हालेगी। सीआरपीएफ और बीएसएफ समेत दूसरी कंपनियों को पुलिस अफसर भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों की भी जानकारी दे रहे हैं, ताकि चुनाव के दौरान फोर्स के हाथों कोई चूक न हो।