राजनांदगांव
चौथी किस्त से किसानों के चेहरे खिले
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 1 अप्रैल। राजीव गांधी न्याय योजना की चौथी किस्त से राजनांदगांव और कवर्धा के पौने तीन लाख किसानों के खाते में रकम पहुंच गई है। किसान हित को लेकर सरकार की दृढ़ता इस बात से जाहिर हो रही है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तय मियाद यानी 31 मार्च को राजनांदगांव और कवर्धा जिले के किसानों को सहकारी बैंक के जरिये एक अरब 28 करोड़ की राशि खातों में भेज दी। मुख्यमंत्री बघेल न्याय योजना के जरिये किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए अपने कार्यकाल के शुरूआत से राशि दे रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक राजनांदगांव और कवर्धा के 2 लाख 84 हजार पंजीकृत किसानों को योजना की चौथी किस्त मिल गई है। दोनों जिले में चौथी किस्त पहुंचते ही किसानों के चेहरे खिल गए। न्याय योजना को बेहतर प्रतिसाद मिलने से सरकार की किसानों को लेकर बनी नीति कारगर साबित हुई है। मुख्यमंत्री निजी तौर पर उक्त योजना को लेकर काफी गंभीर हैं। पौने तीन लाख किसानों के खाते में रकम जाते ही बाजार में भी हलचल बढ़ा है। बाजारी अर्थव्यवस्था अगले एक-दो दिन में तेज होगी। पिछले तीन साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने इस योजना के बूते किसानों की बिगड़ती माली हालत को सम्हालने का काम किया है। लगातार न्याय योजना से मिल रही राशि का किसान अपने जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में उपयोग कर रहे हैं। राजनंादगांव और कवर्धा जिले के किसानों के बचत खाते में डीबीटी के माध्यम से राशि स्थानांतरित कर दी गई है। जिला सहकारी बैंक प्रबंधन ने किसानों के खाते में फौरन राशि को जमा कर दिया है। राज्य सरकार का निर्देश था कि अविलंब किसानों के खाते में राशि जमा की जानी चाहिए।
किसान हितैषी सीएम-नवाज
जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष नवाज खान ने न्याय योजना की चौथी किस्त की अहमियत पर कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसान हितैषी हैं। उनकी नीति से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्तासीन होने के बाद से मुख्यमंत्री लगातार किसान-मजदूर के हित में ठोस निर्णय लेकर आगे बढ़ रहे हैं। किसानों को मिली चौथी किस्त उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में सहायक होगी। उन्होंन कहा कि यह देश की पहली सरकार है, जहां किसानों के हितों से जुड़ी योजनाओं पर सरकार दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि देशभर मं अलग-अलग प्रांतों में किसानों की खुदकुशी के मामले सुनाई पड़ते हैं। इससे पहले छग में किसानों की सुरक्षा और आर्थिक ताकत देने के लिए मुख्यमंत्री पूरी गंभीरता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब धान के फसल को घाटे का सौदा माना जाता था। मुख्यमंत्री के 2500 रुपए क्विंटल धान खरीदी के ऐलान के बाद से यह फसल फायदे की हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में किसानों की आर्थिक स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में सशख्त है। मुख्यमंत्री ने उनके रहन-सहन और जीवन में बदलावके लिए कारगर योजनाएं बनाई है। उन्होंने कहा कि किसानों की मेहनत का मुख्यमंत्री वाजिब पारिश्रमिक दे रहे हैं।