कोण्डागांव

कर्तव्यपरायणता से संवेदनशील ग्रामीणों के जीवन में परिवर्तन ला रहीं उमेश्वरी
02-Apr-2022 9:11 PM
कर्तव्यपरायणता से संवेदनशील ग्रामीणों के जीवन में परिवर्तन ला रहीं उमेश्वरी

कोण्डागांव, 2 अप्रैल। संवेदनशील व जिला मुख्यालय से सुदूर अंचलों में बसे गांवों में अक्सर बारहमासी सडक़ों व आधारभूत संरचनाओं के अभाव में अक्सर इन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को आधारभूत सेवाओं से वंचित रहना पड़ जाता है। इन क्षेत्रों में पहुंच के अभाव में नियमित रूप से स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों का भी पहुंचना संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में कुछ लोग अपनी कर्तव्यपरायणता का उदाहरण देते हुए। लोगों की सेवा में अपने पूरे सामर्थ्य से कार्य करते है। ऐसा ही एक उदाहरण कोण्डागांव जिले में अत्यंत संवेदनशील कहे जाने व जिले के अंतिम छोर पर बसे ग्राम कुधूर में देखने को मिलता है।

जहां पदस्थ एनएम उमेश्वरी नाग द्वारा लोगों की सेवा के लिए अथक प्रयास किया जा रहा है। उन्हें स्वास्थ्य संबंधित चीजों के बारे में समझा पाना बहुत ही कठिन हुआ करता था। गांव में उपस्वास्थ्य केंद्र भी नहीं होने से 10 से 15 किलोमीटर का सफर पैदल और बरसात के दिनों में नाव के जरिए तय कर गांव आना पड़ता था।  

इस संबंध में प्रभारी सुपरवाइजर डीगेश साहू ने बताया कि, उमेश्वरी की जिद और जुनून था कि इस गांव में वे लोगों तक पहुंच कर उन्हें स्वास्थ्य और शिक्षा के संबंध में बेहतर से बेहतर जानकारी देकर उनका भय समाप्त करेंगी। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले स्थानीय हल्बी भाषा सीखी तत्पश्चात लोगों से घर-घर जाकर मिलने लगी। जिससे धीरे-धीरे लोगों के व्यवहार में परिवर्तन आया और सकारात्मक परिणाम दिखने लगे किंतु नियमित टीकाकरण हेतु उसके बाद भी गांव में विरोध जारी रहा केवल दवाइयां खाने तक ही ग्रामीणों द्वारा उन्हें सहमति प्राप्त हुई। ऐसे में उनके सतत प्रयास से उन्हें सफलता हासिल हुई। जब गांव के लोगों ने स्वयं महसूस किया कि उमेश्वरी द्वारा दी गई दवाइयों से उनका स्वास्थ्य बेहतर हो रहा है। तब ग्रामीणों ंने अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य हेतु नियमित टीकाकरण की महत्व को समझते हुए अपने बच्चों का नियमित टीकाकरण करवाना शुरू किया। अब की स्थिति में बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण हो रहा है।

जिसमें से 95 से 98 प्रतिशत बच्चों का नियमित रूप से पूर्ण टीकाकरण किया जा रहा है। इसके साथ ही गांव में अब उप स्वास्थ्य केंद्र भी स्थापित हो गया है। जिसके निर्माण कार्य को नक्सलियों द्वारा निर्माण के दौरान तीन चार बार रोकने हेतु तोड़ा भी गया था। लेकिन अब यह केन्द्र पूरी तरह तैयार है और उमेश्वरी की कर्मठता और कर्तव्यपरायणता का ही परिणाम है कि अब ग्रामीण अपने मन से बिना किसी डर किसी भी प्रकार की समस्या होने पर स्वास्थ्य सेवा लेने हेतु उप स्वास्थ्य केन्द्र तक आने में संकोच नहीं करते है।

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