बालोद

उडिय़ा बस्ती में रेलवे ने हटाए अतिक्रमण, दुकानों एवं घरों को तोड़ा
06-Apr-2022 6:51 PM
उडिय़ा बस्ती में रेलवे ने हटाए अतिक्रमण, दुकानों एवं घरों को तोड़ा

नपा अध्यक्ष सहित साथियों ने लगाया रेलवे पर दादागिरी का आरोप, 3 दिन का मांगा समय

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बालोद, 6 अप्रैल। रेलवे लाइन से लगे हुए उडिय़ा बस्ती में रेलवे द्वारा अपनी जमीन को खाली करवाने के लिए अब तोडफ़ोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिसके तहत विगत दिनों से नोटिस देकर रेलवे ने आखिरकार बुलडोजर चढ़ा दिया है और पहले चरण में बालोद की ओर लगे दुकानों को तोड़ा गया है।

जिसके बाद उडिय़ा बस्ती पर बुलडोजर चलने की तैयारी है, लेकिन लोगों द्वारा बिना व्यवस्थापन के तोडफ़ोड़ किए जाने का विरोध किया गया। लोगों के समर्थन में नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा, साजन पटेल सहित अन्य साथी भी डटे रहे तो  लोग भी मौके पर मौजूद रहे और इस कार्रवाई का विरोध करने लगे।

नगर पालिका अध्यक्ष  ने कहा कि तत्काल में कोई लिखित नोटिस जारी नहीं हुआ है। रेलवे के अफसरों को नोटिस दिखाने कहा तो वे नहीं दिखा पाए। कोई भी मकान, दुकान तोडऩे के पहले 24 घंटे पूर्व नोटिस देना जरूरी है। यह अलग बात है कि पहले से इन्हें जगह खाली करने नोटिस दिया गया था, लेकिन तत्काल तोडफ़ोड़ किया जाना गलत है। हमने उनसे मांग की है कि जगह खाली करने के लिए लोगों को 3 दिन की मोहलत दी जाए। लोग खुद से सामान हटाना शुरू भी कर दिए हैं। इधर रेलवे के अफसर और पुलिस भी अतिक्रमण हटाने को लेकर डटे हुए थे। तनाव की स्थिति निर्मित हुई। बालोद पुलिस भी मौके पर तैनात रही। अंतत: लोगों को जगह खाली करनी पड़ रही है और लोग यहां से अपना सामान निकाल कर ले जा रहे हैं। कुछ किराए के घर में शिफ्ट हो रहे तो कुछ सडक़ पर आ गए हैं। कुछ लोग रोशन नगर में खाली जमीन पर कब्जा करके खुले आसमान के नीचे तंबू लगाकर रहने लगे हैं तो कुछ सार्वजनिक भवनों में पनाह ले रहे हैं। 3 दिन के भीतर इस जगह को पूरी तरह से खाली कर लिया जाएगा। फिर यहां बुलडोजर चलाकर इस जगह को साफ किया जाएगा।

बिना व्यवस्थापन के ऐसा करना गलत है

वार्ड के नागरिकों ने विगत दिनों जनदर्शन में कलेक्टर के नाम से ज्ञापन देकर यह मांग की थी कि 30 परिवार जो कई पीढिय़ों से यहां निवासरत है, उन्हें बिना व्यवस्थापन के खाली करवाना गलत है। इसका विरोध किया जा रहा है। जब तक वह दूसरी जगह शिफ्ट नहीं हो जाते, उन्हें यहां से नहीं हटाने की मांग की गई थी। लेकिन रेलवे प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। रेलवे अफसरों का कहना है कि पहले भी कई बार जगह खाली करने के लिए नोटिस दिया जा चुका है। वहां बोर्ड भी लगाया गया है।

सडक़ पर बैठ गए थे लोग

जब बुलडोजर लेकर रेलवे की टीम उनके अवैध कब्जे में बनाए गए मकान को तोडऩे पहुंची तो लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया और सडक़ पर ही बैठ गए। बुलडोजर को अंदर घुसने नहीं दिया गया। लोगों का कहना था कि हम तो कब्जा हटा ही रहे हैं कुछ वक्त दे दो ताकि हम अपना सामान निकाल ले। पर रेलवे के अधिकारी मानने को तैयार नहीं थे।

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