राजनांदगांव
![बाहरी नेताओं को मतदान से 48 घंटे पूर्व छोडऩा होगा खैरागढ़-कलेक्टर बाहरी नेताओं को मतदान से 48 घंटे पूर्व छोडऩा होगा खैरागढ़-कलेक्टर](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1649485343jn_4.jpg)
एसपी को दीगर राज्य-जिलों से आए नेताओं को विस से रवाना करने निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 अप्रैल। खैरागढ़ विधानसभा के उपचुनाव में प्रचार और चुनावी संचालन कर रहे दीगर राज्यों और जिलों के नेताओं को मतदान से 48 घंटे पूर्व इलाका छोडऩा होगा। कलेक्टर ने एसपी संतोष सिंह से कांग्रेस-भाजपा समेत अन्य राजनीतिक दलों के बाहरी नेताओं को फौरन रवाना करने का निर्देश दिया है।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन अधिकारी होने के नाते कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा शनिवार को बाहरी राजनीतिक प्रमुखों और नेताओं को खैरागढ़ विस छोडऩे का फरमान जारी करेंगे। चुनाव के नियम-शर्तों में अन्य इलाकों के राजनेताओं की मौजूदगी मतदान से पहले हटाए जाने का प्रावधान है। पिछले पखवाड़ेभर से खैरागढ़ में न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि मध्यप्रदेश और खैरागढ़ के इलाके से सटे जिलों के राजनीतिक चेहरे प्रचार और सांगठनिक कामकाज सम्हाल रहे हैं।
इस संबंध में कलेक्टर श्री सिन्हा ने ‘छत्तीसगढ़’ से पुष्टि करते कहा कि बाहरी नेताओं को मतदान से 48 घंटे पहले विधानसभा छोडऩे का आदेश जारी किया जा रहा है। एसपी को नेताओं की विधानसभा से रवानगी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। खैरागढ़ में कांग्रेस-भाजपा के लगभग 200 से ज्यादा बाहरी नेता विधानसभा में झंडा-बैनर उठाने से लेकर प्रचार और प्रबंधन के काम कर रहे हैं। उनकी मौजूदगी से प्रशासन निष्पक्ष चुनाव कराने में असहज महसूस कर रहा है। दूसरे क्षेत्र के नेताओं की आवाजाही से चुनाव में पारदर्शिता और प्रबंधन पर आक्षेप लग सकते हैं। इसलिए प्रशासन ने निष्पक्ष चुनाव कराने के इरादे से बाहरी नेताओं को विधानसभा छोडऩे को कहा है। फिलहाल सभी क्षेत्रों में खैरागढ़ को छोडक़र दूसरे जिलों और राज्यों के नेता अपनी पार्टियों के पक्ष में धुंआधार प्रचार कर रहे हैं।
आज शाम आदेश जारी करते ही रविवार शाम 5 बजे तक गैर क्षेत्रीय नेताओं को खैरागढ़ से बाहर निकलना पड़ेगा। प्रशासन ने ऐसे नेताओं को चिन्हांकित करना भी शुरू कर दिया है। दीगर जिलों और राज्यों के वाहन के नंबर और पहचान पत्र के आधार पर सभी को बाहर भेजा जाएगा।
राजनीतिक रूप से खैरागढ़ में सियासी दलों में खंदक की लड़ाई छिड़ी हुई है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच संसाधनों को भी लेकर राजनीतिक दल आपस में भिड़ रहे हैं। खैरागढ़ की सियासत में यह पहला मौका है, जब दर्जनों नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी के लिए मोर्चा सम्हाला हुआ है। प्रशासन ने चुनाव में खलल पैदा होने की आशंका के मद्देनजर भी बाहरी नेताओं को खैरागढ़ छोडऩे का फरमान जारी किया है। प्रशासन के निर्देश के बाद सभी की रवानगी भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मा दिया गया है।