सुकमा

छिंदगढ़ में 1 करोड़ 66 लाख के घटिया निर्माण कर राशि हुई बंदरबाट-दीपिका
11-Apr-2022 4:16 PM
छिंदगढ़ में 1 करोड़ 66 लाख के घटिया निर्माण कर राशि हुई बंदरबाट-दीपिका

आरटीआई के अंतर्गत नहीं मिलती जानकारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 11 अप्रैल।
सुकमा जिले के भूसंरक्षण विभाग में पिछले कई वर्षों से लगातार बड़े पैमाने पर की जा रही अनियमितताओं व सहायक संचालक अधिकारी कैलाश मरकाम की विशेष भूमिका पर भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों से सुकमा जिले का भूसंरक्षण विभाग भ्रष्टाचार का केंद्र बिंदु रहा है, जहां पर विभाग के दलाल सक्रिय होकर अपने तरीके से कार्य कर किसानों के हित में होने वाले कार्यों में अधिकारियों के साथ संलिप्त होकर शासकीय राशि का बंदरबांट कर रहे हैं, जिसकी जानकारी होते हुए भी विभागीय अधिकारी आंख बंद कर बैठे हुए हैं, जिससे साफ पता चलता है कि इस विभाग के दलालों को सत्तापक्ष का संरक्षण प्राप्त है। मैंने स्वयं सारे कार्यों का अवलोकन किया है व किसानों से इस विषय मे चर्चा की है, जिससे पता चला कि करोड़ों रु का निर्माण तो हो गया, पर धरातल पर लाभ शून्य  है।

विभागीय कार्य को कर रहे है दलाल व रसूखदार
दीपिका ने सहायक संचालक अधिकारी कैलाश मरकाम पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के हित में चलाई जा रही राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी तथा आदर्श  कही जाने वाली योजना ‘नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी’  जो किसानों के विशेष कर ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास के लिए उन्नत कृषि की बुनियादी सुविधाओं से किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से कई योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं में कांग्रेस की भूपेश सरकार अपनी पीठ थपथपा रहा है, लेकिन सुकमा जिले के भू-संरक्षण  के सहायक संचालक अधिकारी  कैलाश मरकाम इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। कैलाश मरकाम के द्वारा शासन के द्वारा स्वीकृत इन विभागीय कार्यों को दलालों एवं रसूखदार लोगों के साथ मिलकर गुणवत्ताहीन निर्माण कर शासन को करोङ़ों का चूना लगा चुके हैं।

1 करोड़ 65 लाख 97 हजार के कार्य में अनियमितता का आरोप
दीपिका ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन एवं ग्रामीण विकास विभाग रायपुर के द्वारा मनरेगा योजना के तहत 2018 में छिंदगढ़ विकासखण्ड के विभिन्न ग्राम पंचायतों में 1 करोड़ 65 लाख 97 हजार की लागत से चिपुरपाल के पोंदुम नाला में पाँच, मुर्रेपाल में एक व मेंखावाया में एक कुल 7 स्थानों पर स्टॉपडेम व चेकडेम निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए, परन्तु इस विभाग के अधिकारियों एवं दलालों के कारण सभी कार्यों का निर्माम गुणवत्ताहीन स्तर से किया गया, जिसके कारण किसानों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। कार्यों में बड़े स्तर पर तकनीकी त्रुटियां भी की गई हैं।

सत्ता पक्ष का हाथ होने के कारण बड़े अधिकारियों की भी नहीं सुनते कैलाश मरकाम
दीपिका ने बताया कि लगातार अनियमितता की शिकायत मिलने पर मैंने इस विषय में सूचना के अधिकार के तहत जनवरी 2021 में जानकारी मांगी थी, समय पर जानकारी न देने पर मैंने पुन: आवेदन दिया था, जिस पर उप संचालक कृषि के द्वारा सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी को जानकारी उपलब्ध कराने हेतु 14 जनवरी 2021 को प्रथम पत्र, 2 फरवरी 2021 को द्वितीय पत्र एवं 8 फरवरी 2021 को तृतीय पत्र लिखा, बावजूद इसके आज तक मुझे किसी भी प्रकार की जानकारी कैलाश मरकाम के द्वारा नहीं दी गई।

सूचना के अधिकार में भी दलाल सक्रिय
दीपिका ने बताया कि जब मैंने जानकारी हेतु बार-बार आवेदन लगाया तो इन्हीं के चाहने वाले दलालों में से एक ने जानकारी के एवज में सेटिंग कराने का भी ऑफर दिया, परन्तु जब मैंने स्पष्ट तौर पर मना कर दिया व कहा कि दुबारा ऐसी बात करोगे तो कोर्ट में नजर आओगे तो दलाल ने काल करना बंद कर दिया।

सही प्रकार से जांच हो अन्यथा किसानों के हित में होगा आंदोलन
दीपिका ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में भूमि संरक्षण विभाग के द्वारा किए गए कार्यों की जांच कर उचित कार्यवाही होनी चाहिए व इस विभाग को दलालों से मुक्त करने हेतु जिला प्रशासन को उचित कार्यवाही करनी होगी, अन्यथा आने वाले दिनों में किसानों के हित में आंदोलन किया जावेगा जिसका जवाब सरकार को देना होगा।

प्रशासकीय स्वीकृति नियम के विरुद्ध कराया गया निर्माण
दीपिका ने यह भी कहा कि किसी भी अधोसंरचना के निर्माण के लिए सरकार द्वारा तकनीकी मापदंड तय किये जाते हैं, जिसके अनुरूप निर्माण कार्य कराए जाने की अपेक्षा व निर्देश के साथ प्रशासकीय स्वीकृति  दी जाती है। इस दौरान किसी तकनीकी मापदंड में बदलाव की स्थिति में प्रशासन के समक्ष युक्तियुक्त कारण प्रस्तुत कर संशोधन किया जाना होता है।

इसके विरुद्ध जाकर निर्माण कार्य कराया जाना प्रशासन के नियमों का उल्लंघन कर सरकार की राशि का गलत रूप से इस्तेमाल करना गबन के दायरे में आता है, जिसका कि प्रशासन द्वारा वैधानिक कार्रवाई के साथ-साथ संबंधित से गबन राशि की वसूली का प्रावधान है। जिसका उल्लेख निर्माण कार्य के कार्य आदेश में स्पष्ट रूप से किया जाता है। बावजूद इसके नियमों को ताक में रखकर विभागीय अधिकारी द्वारा स्टाप डेम के निर्माण कार्य में अनियमितता बरती गयी है।

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