राजनांदगांव
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प्रभु यीशु के पुनर्जीवित होने की खुशी में ईसाई समुदाय ने मनाया पर्व
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 अप्रैल। ईसाई धर्मावलंबियों ने रविवार को ईस्टर पर्व मनाया। यह पर्व ईसा मसीह के पुनर्जीवित होने की अलौकिक धार्मिक गाथा से जुड़ा हुआ है। लोक मान्यता है कि सूली में लटकाए जाने की घटना से मृत्यु के पश्चात एक दिन बाद प्रभु यीशु रविवार को पुनर्जीवित हुए थे। इस पर्व को ईसाई समाज पारंपरिक रूप से मनाता है।
प्रभु यीशु के दोबारा जीवन पाने की घटना की खुशी में चर्चों में आज विशेष सभाएं हुई। प्रभु की आराधना में जुटे ईसाई समाज ने मोमबत्ती और अन्य धार्मिक रिवाज के तहत उन्हें नमन किया। पवित्र किताब बाइबिल में प्रभु यीशु के पुन: जीवन पाने की घटना को लेकर धार्मिक अंश का फादर और पास्टरों ने पठन किया। जीवन में शांति और उदार होकर लोगों के कल्याण के लिए प्रभु यीशु ने खुद को सूली में लटकाने से परहेज नहीं किया।
ईसाई समाज मानता है कि प्रभु यीशु ने हमेशा इंसानी जीवन के लिए खुद को समर्पित कर दिया। उनका यह त्याग हमेशा उदारता और भाईचारे के लिए प्रेरणादायक है। इस बीच ईस्टर पर्व पर परिवार के लोगों को याद करने के लिए समुदाय ने कब्रो में पहुंचकर भक्ति गीत गाए। शहर के ईसाई समुदाय के कब्रिस्तान में लोगों ने अपने माता-पिता और बुजुर्गों को याद करते कैंडल जलाए। मोमबत्ती और अन्य खुशबूदार ईत्र का छिडक़ाव कर परिवार के लोगों ने मृत आत्माओं की शांति के लिए प्रभु से आराधना की। इधर दोपहर बाद ईस्टर की खुशी पर घरों में दावतों का सिलसिला चला। गैर ईसाई समुदाय के लोगों ने बधाईयां दी।