राजनांदगांव
![लू से बचाव की अपील लू से बचाव की अपील](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1650364950G_LOGO-001.jpg)
राजनांदगांव, 19 अप्रैल। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि हीट वेव जिसे सामान्य भाषा में लू चलना कहा जाता है, जब वातावरण का तापमान ज्यादा हो तो हीट वेव की स्थिति उत्पन्न होती है। इसका असर बच्चों, बुजुर्गों एवं कोमार्बिड लोगों में सर्वाधिक होता है। हमारे शरीर के टेम्प्रेचर रेग्युलेशन (तापमान नियंत्रण) मस्तिष्क के हाईपोथलेमस भाग से होता है, जब वातावरण का तापमान अधिक हो जाता है, तब टेम्प्रेचर रेग्युलेशन तंत्र प्रभावित होता है। परिणाम स्वरूप तब हीट स्ट्रोक की स्थिति उत्पन्न होती है।
लू के लक्षण-सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख कम लगना, बेहोश होना।
लू से बचाव के उपाय- बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर न जाएं, धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध लें, पानी अधिक मात्रा में पीये, मौसमी फल जैसे तरबूज, ककड़ी, छाछ, लस्सी समय-समय पर लेते रहं, गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिए। जिससे कि हवा और कपडे पसीने को सोखते रहें। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओआरएस घोल पीयें। चक्कर आने, पर छायादार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेयजल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से नि:शुल्क परामर्श लिया जाएं। उल्टी, सर दर्द, बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में जरूरी सलाह लिया जाएं।