राजनांदगांव

खाद की कालाबाजारी पर होगी सख्त कार्रवाई
23-Apr-2022 3:06 PM
खाद की कालाबाजारी पर होगी सख्त कार्रवाई

कालाबाजारी रोकने निजी विक्रेताओं की बैठक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। 
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने शुक्रवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आगामी खरीफ वर्ष में किसानों के लिए खाद की व्यवस्था एवं कालाबाजारी रोकने हेतु कृषि आदान के निजी विक्रेताओं की बैठक ली। उन्होंने कहा कि किसानों को निर्धारित मूल्य पर खाद उपलब्ध होना चाहिए और किसी तरह की अनियमितता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी विक्रेताओं को नियमानुसार लाइसेंस दिया गया है। इसका पालन नहीं करने एवं शिकायत होने पर इसकी जांच कर संबंधित प्रतिष्ठान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान हितैषी सरकार इस मामले में सख्त रहेगी। किसानों को असुविधा नहीं होनी चाहिए। लादन जैसी व्यवस्था किसानों के लिए अनुचित है। इसकी शिकायत होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि आगामी खरीफ में यूरिया एवं डीएपी खाद के भंडारण एवं प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। किसानों का हित बाधित न हो इसे ध्यान में रखते कार्य करें। विक्रय परिसर में अनुज्ञप्ति पत्र उर्वरकवार स्कंध की जानकारी एवं मूल्य सूची स्पष्ट रूप से चस्पा होने चाहिए। अनुज्ञप्ति पत्र में जुड़े स्त्रोत प्रमाण पत्र एवं गोदाम के अनुसार ही उर्वरकों का भंडारण एवं वितरण करना सुनिश्चित करें। दैनिक रूप से स्कंध रजिस्टर, बिलबुक एवं कैशमेमो में कृषकों के हस्ताक्षर आदि की जानकारी संधारित करें एवं निरीक्षण के दौरान निरीक्षक से सत्यापन भी कराएं। उर्वरकों का विक्रय केवल पौस मशीन द्वारा ही किया जाए एवं उर्वरकों का भंडारण होने के पश्चात पौस मशीन में पावती होने के बाद ही वितरण किया जाए। मेन्युअल नहीं होना चाहिए।

उन्होंने अधिक मात्रा में उर्वरक के्रताओं की जानकारी संधारित करने के निर्देश दिए। कृषकों को निर्धारित मूल्य में उर्वरकों का विक्रय करना सुनिश्चित करें एवं किसी प्रकार के लादन (अन्य कोई उत्पाद) कृषकों के इच्छा विरूद्ध उर्वरकों के साथ न दिया जाएं। पाक्षिक रिपोर्ट 15-15 दिवस में भंडारण एवं वितरण आदि की जानकारी उर्वरक निरीक्षक के माध्यम  से कार्यालय में भेजना सुनिश्चित करें।

लगातार 2 पाक्षिक रिपोर्ट अप्राप्त होने की स्थिति में संबंधित संस्था के विरूद्ध अनुज्ञप्ति निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। निर्देशों के अव्हेलना पाए जाने पर उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर उप संचालक कृषि जीएस धुर्वे, सहायक संचालक कृषि टीकम सिंह ठाकुर एवं कृषि आदान के निजी विक्रेता उपस्थित थे।

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