राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई, 25 अप्रैल। जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण की उपाध्यक्ष व पूर्व जनपद सदस्य अनिता ओगरे ने देश में बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र के मोदी सरकार के खिलाफ निशाना साधा।
उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान ही लोगों के मन में आशंका होने लगी थी कि जैसे ही चुनाव के नतीजे आएंगे, तत्पश्चात देश की जनता को एक बार फिर महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। चुनाव के नतीजे आते ही लोगों की आशंका सही साबित हुई और केंद्र के मोदी सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी करना शुरू कर दिया है।
श्रीमती ओगरे ने कहा कि चुनावी नतीजों के बाद से अब तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कई बार बढ़ोतरी की जा चुकी है, वहीं घरेलू गैस सिलेंडरों की कीमतों में भी बेतहाशा वृद्धि हो चुकी है। चुनाव के दौरान वोट लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी सभाओं में जनता के लिए लुभावनी घोषणाएं करते हैं, लेकिन जैसे ही चुनावी प्रक्रिया समाप्त हो जाती है, उसके बाद देश की आम आदमी को महंगाई के डबल डोज का सामना करना पड़ता है। ऐसे दोमुही बातों से देश की आम आदमी का जीना ही मुहाल हो गया है। प्रतिदिन काम में आने वाले वस्तुओं की कीमतों में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है, चाहे वह आटा, दाल, चावल, फल व सब्जियों की कीमत अचानक बढ़ गई है। वहीं खाने की तेल भी लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है। मौजूदा परिस्थितियों में देश की गरीब व मध्यम वर्ग का गुजर-बसर करना मुश्किल हो गया है।
आगे कहा कि आज देश में पेट्रोल लगभग 112 प्रति लीटर, डीजल 100 प्रति लीटर और खाद्य पदार्थ 170 प्रतिलीटर से भी अधिक व रसोई गैस 1000 रिफलिंग प्रति सिलेंडर कराना पड़ रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक विगत 2014 से 2021 तक के 7 वर्ष में मोदी सरकार के राज में पेट्रोल 42 प्रतिशत, डीजल 30 प्रतिशत व रसोई गैस की कीमतों में 116 प्रतिशत बढ़ोतरी हो चुकी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को प्रधानमंत्री उज्जवला गैस के तहत नि:शुल्क गैस तो दिया गया है, लेकिन लोगो को रिफलिंग कराने में असमर्थता व्यक्त कर रही है। घरेलू गैस सिलेंडरों की बढ़ती कीमतों से विशेषकर महिलाओं में ज्यादा नाराजगी देखने को मिल रही है। जिसमें केंद्र के मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नाराजगी देखने को मिल रही है।