राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 अप्रैल। शासकीय कमलादेवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव के सामाजिक उद्यमिता, स्वच्छता, ग्रामीण सम्बद्धता प्रकोष्ठ एवं ईको क्लब द्वारा गत दिनों विश्व पृथ्वी दिवस का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. आलोक मिश्रा ने कहा कि पृथ्वी दिवस हमें पर्यावरण संरक्षण स्वच्छता ईको सिस्टम बैलेंस के बारे में जागरूक करने हेतु 1970 से मनाया जाता है। हमें अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखना है तथा जल एवं मृदा संवर्धन हेतु सतत् प्रयासरत रहना है।
महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. एमएल साव ने कहा कि हमारे महाविद्यालय की छात्राएं वृक्षारोपण, स्वच्छता तथा प्राकृतिक स्थिरीकरण के लिए सतत् कार्यरत रहती है। आबेदा बेगम ने ओजोन परत के कटाव को रोकने के लिए वृक्षारोपण को आवश्यक बताया। डॉ. ओंकारलाल श्रीवास्तव ने पृथ्वी पर कई वनस्पतियों तथा प्राणियों की विलुप्तीकरण को लेकर चिंता व्यक्त की। प्रो. केके द्विवेदी ने सनातन संस्कृति में प्राकृतिक तत्वों की भौगोलिक महत्ता पर प्रकाश डाला। डॉ. सुषमा तिवारी ने वैदिक काल से पंचतत्वों के महत्व एवं छात्राओं को महाविद्यालय के प्रांगण में गमलों में पानी डालने हेतु प्रेरित किया। रामकुमारी धुर्वा ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्राओं के साथ मिलकर समस्त छात्राएं जब साफ. सफाई का कार्य करती है तथा वृक्षारोपण करती है तभी महाविद्यालय स्वच्छ सुंदर होगा।
कार्यक्रम का संचालन करते आलोक जोशी ने कहा कि पृथ्वी में जल उपलब्धता घट रही है तथा मिट्टी पानी का संवर्धन अनिवार्य होता जा रहा है। छात्रा प्रियका सिंह ने कहा कि हम लोगों ने महाविद्यालय में गाजर घास का उन्मूलन करने हेतु श्रमदान किया गया है। प्रियंका शुक्ला ने कहा कि हमारे गांव एवं घर पर हम लोग पेड़ पौधे लगाए हैं। जिससे हमारे घर के आसपास ठंडक बनी रहती है।
छात्रा निशा अम्बाद ने कहा कि बायोडायर्सिटी के मैनेजमेंट के लिए पृथ्वी के सभी तत्वों को बचाना जरूरी है। खुशबू सिन्हा ने कहा कि पॉलिथीन तथा डिस्पोजल के बजाए हमें कॉटन के थैलों तथा कुल्हड़ का उपयोग करना चाहिए। कार्यक्रम में रेणु त्रिपाठी, तारा ठाकुर, अमरनाथ निषाद एवं रेवती रमन साहू उपस्थित थे। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन नंदनी चन्द्रवंशी ने किया।