राजनांदगांव
बढ़ती महंगाई से फिर चूल्हा फूंकने की ओर लौट रहा गरीब तबका
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 27 अप्रैल। बीपीएल परिवारों के लिए प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना बढ़ती महंगाई के साथ खर्चीला साबित हो रहा है। केंद्र ने करीब 5 साल पूर्व इस महत्वकांक्षी योजना की जोरशोर शुरूआत की थी। योजना के प्रारंभ में गरीब तबके की महिलाओं को चूल्हे से मुक्ति दिलाने के बड़े दावे किए गए थे। वर्ष 2016-17 से शुरू हुआ यह योजना जिले में दम तोड़ रहा है। इस बीच बीपीएल परिवार गैस रिफलिंग के बढ़ते दाम से परेशान है।
केंद्र सरकार ने सिर्फ 200 रुपए की कीमत पर महिलाओं को गैस कनेक्शन आबंटित किए थे। इस योजना से लकडिय़ों से चूल्हा जलाने के परंपरागत ऊर्जा को खत्म करना भी सरकार का उद्देश्य था। गरीब वर्ग की महिला लकड़ी से चूल्हा फूंकने के लिए मजबूर थी। केंद्र सरकार के इस योजना ने बीपीएल परिवार के लिए गैस कनेक्शन जारी किए। महिलाओं को चूल्हा जलाने की कष्टदायक हालात से मुक्त करने के लिए केंद्र ने इस योजना का जमकर प्रचार-प्रसार भी किया। इस बीच गैस कनेक्शन लेने के लिए शुरूआती दौर में काफी होड़ मची रही। साल-दर-साल योजना के प्रति गरीब वर्ग का बढ़ती महंगाई के चलते मोह भंग होने लगा। यही कारण है कि लकड़ी से चूल्हा जलाने की फिर से गरीब वर्ग ने वापसी की है।
गरीब परिवार के सामने गैस रिफलिंग कराना एक बड़ा घाटे का सौदा साबित हो रहा है। यहां यह बता दें कि इस योजना के हितग्राहियों को भी अन्य उपभोक्ताओं की तरह मौजूदा गैस के दाम चुकाने पड़ रहे हैं। घरेलू गैस के लिए आम उपभोक्ताओं को एक हजार से ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है। हर महीने घरेलू गैस के दाम बढ़ रहे हैं। ऐसे में गरीब परिवार गैस रिफलिंग कराने की स्थिति में नहीं है। इधर कस्बाई और वनांचल में फिर से चूल्हा जलाने महिलाएं लकड़ी का गट्ठा लेकर घर लौट रही हैं। दिनभर लकड़ी चुनकर महिलाएं शाम को चूल्हा जलाने में उपयोग कर रही है।
गौरतलब है कि राजनांदगांव जिले में उज्जवला योजना के अंतर्गत एक लाख 60 हजार स्थाई कनेक्शन दिए गए हैं। वर्ष 2018-19 के बाद से राज्य शासन से पीएम उज्जवला योजना के लिए लक्ष्य नहीं दिया गया है। जिला खाद्य विभाग अधिकारी भूपेन्द्र मिश्रा ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि फिलहाल जिले में पूर्व में प्रदाय कनेक्शन के आधार पर ही हितग्राही लाभ उठा रहे हैं। उधर राजनांदगांव जिले में 2016 में 73 हजार हितग्राहियों को गैस कनेक्शन दिया गया था। इस साल निर्धारित संख्या के अनुसार ही लक्ष्य की प्राप्ति हुई। वर्ष 2017-18 में 60 हजार 576 कनेक्शन में से 56 हजार 373 और 2018-19 में तय संख्या 55456 की तुलना में 31566 हितग्राही को कनेक्शन दिए गए। इस तरह तीन साल में खाद्य विभाग ने 84.25 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया। बहरहाल चूल्हे-चौके के लिए एक बार फिर महिलाओं को लकडिय़ों से ही दो वक्त का भोजन तैयार करना पड़ रहा है। पीएम उज्जवला योजना में चूल्हा फूंकने से मिली राहत कुछ बरसों में फिर से बढ़ती महंगाई के कारण परेशानी में बदल गई।