रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 29 मई। एक ओर जहां हर चीजों के बढ़ते दामों ने आम आदमी के जेब पर बड़ा असर किया है वहीं अब सब्जियों के बढ़ते हुए दाम भी घर के बजट को बिगाड़ रहे हैं। पहले नींबू, प्याज के दाम आसमान पर थे अब सब्जियों में सबसे ज्यादा उपयोग में किये जाने वाले टमाटर में आग लगी है। बाजार में कभी 15 से 20 रुपये किलो बिकने वाला ये टमाटर 100 रुपये किलो तक पहुँच गया है। अचानक टमाटर के भाव बढऩे के चलते घरों की रसोई में बनने वाली सब्जी का स्वाद बिगड़ जाने से घर में बजट में भी बड़ा प्रभाव पड़ा है। घरेलू महिलाओं का कहना है कि पहले वो घर के लिए 1 या 2 किलो टमाटर खरीदी करती थी लेकिन अब इतना महंगा होने से एक पाव या आधा किलो से ही काम चला रही है।
कोतरा रोड की रहने वाली गृहणी मंन्जु अग्रवाल बताती है कि पहले टमाटर 20 रुपये किलो था और मात्र 10 दिनों के भीतर 90 से बढक़र 100 रुपये प्रतिकिलो पहुँचने से उनके घर की रसोई पर बड़ा असर हुआ है।
मंन्जु अग्रवाल बताती है कि बाजार में बढ़ती हुई महंगाई से रहन सहन पर भी प्रभाव पड़ रहा है। रायगढ़ शहर की अन्य महिलाओं ने भी बताया कि अब उनके घरों में टमाटर के लाल होने से अब सप्ताह में एक बार थोड़ा बहुत टमाटर खरीद रही है चूँकि लगातार बढ़ रही हर चीजों की कीमत से पहले भी आमदनी पर असर पड़ा है।
क्या कहते हैं छोटे सब्जी विके्रता
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले सहित अन्य जिलों में अचानक टमाटर के भाव में चार गुना से अधिक बढ़ोतरी होनें के मामले में छोटे सब्जी विके्रता ही परेशान हैं चूंकि कभी एक या दो रूपये या पांच से दस रूपये किलो में बिकने वाला टमाटर सौ रूपये के अलावा 110 रूपये किलो होनें से उनकी दुकानों में से ग्राहक गायब होनें लगे हैं। उनका कहना है कि पहले टमाटर बैंगलोर व कर्नाटक से आता था लेकिन आवाक अचानक कम होनें से भाव में चार गुना वृद्धि हुई है।
रायगढ़ का सब्जी विके्रता नागेन्द्र सिंह का कहना है कि थोक मार्केट में टमाटर 80 से 90 रूपये किलो मिल रहा है और उनकी मजबूरी है सौ रूपये प्रति किलो बेचने की। लोकल टमाटर बाजार से गायब होना भी मूल्य वृद्धि में बडी वजह है कि चूंकि पिछले साल की तुलना में जशपुर जिले, जांजगीर जिले तथा रायगढ़ जिले में कम उत्पादन हुआ है और बैंगलोर से आने वाले टमाटर की क्वालिटी में भी लोकल टमाटर टिकता नही है, इसलिए ग्राहक बाहर के टमाटर को ज्यादा खरीदते हैं और अब बेतहाशा महंगा होनें के चलते उनकी बिक्री पर भी असर पड़ा है।
किसान भी हैं परेशान
रायगढ़ सहित छत्तीसगढ़ के जांजगीर, जशपुर तथा अंबिकापुर के किसान टमाटर के मूल्य को लेकर खासे परेशान हैं चूंकि इस बार टमाटर ने पिछले सभी रिकार्ड तोड दिए हैं पहले नींबू , प्याज महंगे हुआ करते थे लेकिन अचानक टमाटर का मूल्य शतक पार कर जाएगा उनको नही मालूम था। रायगढ़ जिले के किसान विलीस गुप्ता का कहना है कि रायगढ़ व जशपुर जिले में टमाटर उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में न के बराबर हुआ है और उनका मुख्य व्यापार बैंगलोर, उत्तरप्रदेश तथा कनार्टक से आने वाले टमाटर पर टिका रहता था।
लेकिन इस बार बैंगलोर से टमाटर की आवक काफी कम है वहीं कर्नाटक में मौसम में आए बदलाव के चलते खेती किसानी पर बडा प्रभाव पड़ा था और उत्तरप्रदेश से आने वाले टमाटर इसलिए बाजार में नही आ पाए चूंकि वहां भी किसानों की टमाटर की फसल कीडे लगने से काफी बर्बाद हो गई। किसान विलीस गुप्ता बताते हैं कि रायगढ़ में उत्पादन होनें वाला टमाटर सीजन के समय एक से लेकर पांच रूपये किलो बिकता था जो अब बाजार में 90 से लेकर 110 रूपये किलो तक पहुंच चुका है, बावजूद इसके छत्तीसगढ़ के किसानों को इस मूल्य वृद्धि का कोई फायदा नही पहुंचेगा। चूंकि छत्तीसगढ़ में टमाटर बाजार से आयात होता है और इस बार आवक काफी कम है।
ट्रांसपोर्टिग है मुख्य वजह
छत्तीसगढ़ में ज्यादातर सब्जियां कर्नाटक, बैंगलोर, उत्तरप्रदेश, नागपुर, मध्यप्रदेश की तरफ से आती है और मुख्य साधन रेल मार्ग के अलावा सडक़ मार्ग है पर इस बार बढ़ते डीजल व पेट्रोल के दाम से ट्रांसपोर्ट का खर्च पांच गुना बढ़ रहा है और वहीं केन्द्र सरकार द्वारा कोयला की सप्लाई पर ज्यादा ध्यान देने से मालगाड़ी से आने वाली सब्जियों तथा अन्य ट्रांसपोर्टिग लगभग बंद कर दी है और यही वजह है कि पूरा भार सडक़ मार्ग पर पड रहा है और जिसका असर सब्जियों पर ऐसा हुआ है कि उनके दाम आसमान छूने लगे हैं।