रायगढ़

प्लास्टिक चावल समझ कचरे में फेंक रहे हितग्राही
30-May-2022 6:33 PM
प्लास्टिक चावल समझ कचरे में फेंक रहे हितग्राही

सोसायटी संचालकों को खाद्य विभाग ने समझाईश देने दिए निर्देश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 30 मई।
फोर्टिफाइड चावल शासन स्तर पर सार्वजनकि वितरण प्रणाली के तहत हितग्राहियों को बांटने का आदेश जारी हुआ है, जिसके तहत शहर के अलग-अलग वार्डो में संचालित सोसायटियों में चावल के साथ फोर्टिफाइड चावल मिलाकर हितग्राहियों को दिया जा रहा है, जहां कुपोषण का मामला अत्याधिक बढ़ता है वहां शासन के आदेश के अनुसार इसे बांटा जाता है। पिछले कुछ महीनों से इस चावल का वितरण शहर के ढिमरापुर क्षेत्र के सोसायटी में किया जा रहा है। परंतु जागरूकता के अभाव में यहां के रहवासी प्लास्टिक चावल समझकर इसे चावल से निकालकर फेंक दे रहे, जबकि इसमें विटामिन की मात्रा अत्याधिक होती है।  

खाद्य मंत्रालय के मुताबिक देश में हर दूसरी महिला में खून की कमी है और हर तीसरा बच्चा कुपोषित है। भारत में कुपोषण जैसी गंभीर समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने एक महत्वाकांक्षी अभियान फोर्टिफाइड राइस शुरू किया गया है। इसके तहत मिड डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बांटे जाने वाले चावल में इसको मिलाकर हितग्राहियों को दिया जा रहा है। ताकि कुपोषण की समस्या से कुछ हद तक निजात मिल सके। इसी के तहत रायगढ़ शहर में फोर्टिफाइड चावल सोसायटियों में चावल के साथ मिलाकर हितग्राहियों को दिया जा रहा है ताकि कुपोषण से लडने में यह कदम लाभकारी सिद्ध हो सके। परंतु जागरूकता के अभाव में अधिकांश हितग्राही फोर्टिफाइड चावल को प्लास्टिक चावल समझकर फेकने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला शहर के ढिमरापुर क्षेत्र में सामने आया है। यहां के भी सोसायटी में चावल का फोर्टिफाइड चावल को चावल के साथ मिलाकर हितग्राहियों में इसका वितरण किया जा रहा है। परंतु जागरूकता के अभाव में इस क्षेत्र के लोग इस चावल को प्लास्टिक का चावल समझकर शासन को कोसते हुए जान से खिलवाड करने तक का आरोप लगाने लगे हैं।  

फोर्टिफाइड चावल में मिटामिन की मात्रा अधिक-शिवशंकर
वार्ड नं. 14 सोसायटी के संचालक शिवशंकर अग्रवाल से इस संबंध में चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि शासन के आदेशानुसार चावल के साथ फोर्टिफाइड चावल मिलाकर पिछले तीन महीनों से हितग्राहियों में इसका वितरण किया जा रहा है। इसमें विटामिन की मात्रा अधिक होती है। शुरू शुरू में हितग्राही इसे प्लास्टिक समझ रहे थे। परंतु यहां के सभी हितग्राहियों को इसके लाभ के बारे में अवगत करा दिया गया है जिससे यहां पूरी तरह जागरूकता आ गई है। लेकिन आज भी कहीं कहीं जागरूकता की कमी की वजह से लोग इसे प्लास्टिक चावल समझकर चावल से अलग कर फेंक रहे हैं।  

क्या कहते हैं जिला खाद्य अधिकारी
जिला खाद्य अधिकारी जीपी राठिया ने बताया कि फोर्टिफाइड चावल शासन स्तर से बांटने का आदेश जारी हुआ है, यह विटामिन युक्त चावल है, अखबारों में माध्यम से विज्ञप्ति जारी कर इसके बारे में लोगों को बताया जा चुका है, जहां तक ढिमरापुर क्षेत्र में फोर्टिफाइड चावल को प्लास्टिक चावल समझकर फेंकने की बात मीडिया के माध्यम से सामने आई है, उस क्षेत्र के सोसायटी संचालकों को हितग्राही को इस चावल के बारे में जानकारी अवगत कराने कहा जाएगा।  

क्या है फोर्टिफाइड चावल 
फोर्टिफाइड चावल का मतलब है, पोषणयुक्त चावल इसमें आम चावल की तुलना में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड की मात्रा अधिक है। इसके अलावा जिंक, विटामिन ए, विटामिन बी वाले फोर्टिफाइड राइस भी विशेष तौर पर तैयार किए जा सकते हैं। फोर्टिफाइड चावल को आम चावल में मिलाकर खाया जाता है। फोर्टिफाइड चावल देखने में बिल्कुल आम चावल जैसे ही लगते हैं। इनका स्वाद भी बेहतर होता है। भारत के फूड सेफ्टी रेग्युलेटर  एफएसएसएआई के मुताबिक फोर्टिफाइड चावल खाने से भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

पोषक तत्वों से भरपूर है फोर्टिफाइड चावल  
एक किलो फोर्टिफाइड चावल में आयरन (28-42.5 मिलीग्राम), फॉलिक एसिड (75-125 माइक्रोग्राम), विटामिन बी12 (0.75-1.25 माइक्रोग्राम) होता है। इसके साथ ही एफएसएसएआई ने जिंक (10-15 मिलीग्राम), विटामिन ए (500-700 माइक्रोग्राम), विटामिन बी1 (1-1.5 एमजी) विटामिन बी2 (1.25-1.75 एमजी), विटामिन बी3 (12.3-20 एमजी) और विटामिन बी 6 (1.5-2.5 एमजी) से भी चावलों को फोर्टिफाइड करने की गाइडलाइंस जारी की है। एक बार तैयार होने के बाद फोर्टिफाइड राइस को 12 महीने तक खाया जा सकता है।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news