रायगढ़
वट वृक्ष को रक्षा सूत्र बांधकर की पूजा-अर्चना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 31 मई। पति की दीर्घायु व अखंड सौभाग्यवती होने की कामना लिये सुहागिनों ने वट सावित्री का व्रत रखा। दोपहर बाद से ही बरगद व पीपल वृक्षों में धागा बांधकर पूजा की। इस पर्व पर महिला वर्गों में खासा उत्साह देखने को मिला।
वट सावित्री एक ऐसा पर्व माना जाता है, जिसमें महिलाएं अपने सुहाग के लिए दीर्घायु की कामना करती हैं और मृत्यु के देवता यम की पूजा अर्चना करती हैं। वट सावित्री के लिए महिलाएं ज्येष्ठ द्वादशी के दिन से ही तैयारी शुरू कर दी थीं। बाजार में भी इस पर्व को लेकर चहल पहल चल रही थी। शहर के बाजार इस आयोजन को लेकर विशेष आकर्षण देखा गया। महिलाओं द्वारा पूजन सामग्री से लेकर उपवास में लगने वाले विविध सामानों की खरीददारी की गई। सुबह से लेकर दोपहर 2 बजे तक महिलाओं ने वट और पीपल वृक्ष का पूजा पाठ किया और धागा बांधकर फेरे भी लगाये। ज्योतिषाचार्य रविभूषण शास्त्री ने बताया कि वट सावित्री पूजन को विधि विधान से किये जाने से सुहागिन महिलाओं को दीर्घायु सुहाग व संतान सुख मिलता है। पूजन को विधि विधान से किये जाने के लिए विविध मंदिरों में वट वृक्षों की पूजा की गई।