रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 जून। मनरेगा कर्मचारियों के हड़ताल के 65 वे दिन धरना स्थल पर आज मातम छाया रहा। तीन मनरेगा कर्मचारियों के प्रतिकात्मक शव को घेरे प्रदर्शनकारी रोते-बिलखते रहे थे। यह दृश्य बेहद झकझोर करने वाला था। रास्ते से गुजरने वाले राहगीर रूककर दुर्घटना की जानकारी लेकर मनरेगा परिवार के पास पहुंच कर अपनी संवेदना जाहिर कर रहे थे। अवगत हो कि बीते दिन कर्मचारियों ने पंडाल पर अपनी आर्थिक स्थिति संविदा कर्मचारी का पुतला बनाकर उसे आत्महत्या करते हुए प्रदर्शित किया था। जिसका आज मातम व काठी का कार्यक्रम रख नाटक मंचन किया । मनरेगा कर्मचारी यह दिखाना चाहते हैं कि संविदा में नौकरी करना आत्महत्या करने के समान है।
छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रांत अध्यक्ष चंद्रशेखर अग्निवंशी ने कहा कि विगत वर्षों में हमारे 3 हजार साथियों की बर्खास्तगी अथवा सेवा से स्वत पृथक हुए हैं। संविदा अधिनियम काला कानून हैं, इस काला कानून का उपयोग करते हुए एक झटके में 2 जून को हमारे 21 सहायक परियोजना अधिकारियों की सेवा समाप्ति की गई । सेवा समाप्ति करने के पूर्व एक बार भी नहीं सोचा गया कि यही वह 21 कर्मचारी हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़ को विगत वर्षों में 31 राष्ट्रीय अवार्ड दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
महासचिव राधेश्याम कुर्रे ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में यह वादा किया गया था, कि समस्त संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण एवं किसी भी संविदा कर्मचारी की छटनी नहीं की जाएगी यह वादा की थी किंतु इसके विपरीत कड़ा दंडात्मक कार्रवाई की गई है।
काम पर लौटने से ही मांगों पर बात होगी— टीएस
सुपेबेड़ा पहुंचे मंत्री टीएस सिंहदेव से मनरेगा कर्मी संघ ने मिलकर अपना दुखड़ा सुनाया। संघ की जिलाध्यक्ष रीना ध्रुवे मंच पर माइक लेकर सिंहदेव को वादा याद दिला रही थी। मंत्री सिंह देव ने कहा कि आप और हम एक जैसे ही है, सभी पब्लिक के लिए काम करते हैं। पहले भी कई कर्मचारी हड़ताल किए पर आपसी बात से ही उनकी बात बनी।उन्होंने आगे कहा कि आप लोगों की हठधर्मिता के चलते गरीब मजदूरों का 700 करोड़ का नुकसान हुआ है। काम पर वापस आने से ही बात होगी,नहीं तो नए भर्ती की तैयारी चल रही है।
मनरेगा से संघ ने निंदा प्रस्ताव पारित किया
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा एवं मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर अग्निवंशी ने 21 सहायक परियोजना अधिकारियों के बर्खास्तगी के आदेश के लिए निंदा प्रस्ताव पारित किया है। इसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जनहित व कर्मचारी हित में यथासंभव कार्य कर रहे हैं। किंतु प्रदेश में व्याप्त अफसरशाही के कारण आंदोलनकारियों से चर्चा ना कर केंद्र सरकार के द्वारा आवंटित मनरेगा के राशि को बिना उपयोग किए केंद्र सरकार को वापस करने वाले अधिकारियों ने 21 सहायक परियोजना अधिकारियों को नियमितीकरण करने की बजाय सेवा समाप्त कर दिया तथा नियमित पदों पर सीधी भर्ती कर भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे हैं।