सुकमा
सुकमा, 20 जुलाई। छत्तीसगढ़ की सीमा सुकमा जिले के कोंटा तहसील में पिछले 8 दिनों से गोदावरी एवं शबरी नदी ने अपना रौद्र रूप दिखा कर तबाही मचा रखी है। कोन्टा से लेकर फन्दीगुड़ा, इंजरम तक ग्रामीण बहुत ही विषम परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी लोगों के सहयोग के लिए सामने आ रहे हैं। भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी ने भी कोंटा, फन्दीगुड़ा, इंजरम गाँव में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया, साथ ही बाढ़ प्रभावित लोगों से भी मिली। दीपिका ने राहत केंद्र जाकर उसका मुआयना भी किया।
दीपिका ने बताया- मैंने बाढ़ से प्रभावित लोगों से बात की। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा जो हमें सुविधा मिलनी चाहिए, वो पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा- मैं जिला प्रशासन से अपील करना चाहती हूं कि बाढ़ पीडि़तों को उनके दैनिक उपयोग की आवश्यक सामग्री मांग अनुसार प्रदाय किया जाए व बाढ़ खत्म होने के बाद बाढ़ में जो नुकसान हुआ है, उसका उचित मूल्यांकन कर मुआवजा दिया जाए।
विदित हो कि कोंटा से पहले फन्दीगुड़ा एवं इंजरम में पहले लगभग 100 मीटर व उसके बाद लगभग 400 मीटर पानी के तेज बहाव के बीच दो बार बोट से पार करने के पश्चात विषम परिस्थितियों के बीच दीपिका कोन्टा पहुंचीं।
छत्तीसगढ़ सीमा पर किया गंगा पूजन
कोंटा पहुंचने के पश्चात उन्होंने जहाँ छत्तीसगढ़ के सीमा तक पानी भरा हुआ था, उस स्थान पर जाकर शबरी एवं गोदावरी को अपने रौद्र रूप को शांत करने हेतु गंगा पूजन किया।
बाढ़ पीडि़तों से मिलकर जाना हाल
दीपिका ने बताया कि आज जब मैं इनके बीच पहुंची तो देखा कि बहुत से घर जलमग्न हो गए हैं। पानी के आगे सभी बेबस और मजबूर होकर अपने आशियाने को उजड़ते हुए देख रहे हैं, बहुत दु:ख हुआ है यह सब देखकर। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि जल्द से जल्द कोन्टा व आसपास के निवासियों को इससे राहत प्रदान करें।
प्रशासन मुस्तैद, पर साधन अपर्याप्त
दीपिका ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद होकर कार्य कर रही है। यह समय राजनीति का नहीं हैं परन्तु पूरी मुस्तैदी के बावजूद उपलब्ध साधन अपर्याप्त है।प्रशासन को चाहिए कि वार्डवार टीम बनाकर एक-एक व्यक्ति तक पहुंचे व उनकी जरूरत के हिसाब से उन्हें मदद करें न कि एक लिस्ट के अनुसार। मैं व मेरी टीम भी पूरी तरह मदद करने को तैयार है।
प्रशासन चाहे तो हम भी साथ मिलकर कार्य करने को तैयार हैं।
बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र से हटाकर दूसरी जगह स्थान दे सरकार
कोंटा के बाढ़ पीडि़तों से जब हमने चर्चा की तो उन्होंने कहा कि पोलावरम बांध के कारण अब तो हमेशा ही ऐसे ही हालात रहेंगे, इसलिए सरकार से हमारी मांग है कि हमें इस स्थान से हटाकर किसी ऊंचे व अच्छी जगह में बसाया जाए व सरकार उचित मुआवजा देकर अपनी संवेदनशीलता दिखाए।
राहत केंद्रों का लिया जायजा
दीपिका ने कोंटा के राहत केंद्र पोटाकेबिन हाई स्कूल, बालक छात्रावास, बालिका छात्रावास एवं निजी स्कूलों में जो राहत केंद्र बनाए गए हैं, उनमें बाढ़ पीडि़तों व प्रबंधन टीम से मिलकर वहाँ की स्थिति का भी अवलोकन किया। दीपिका ने कहा कि अपर्याप्त साधनों के बीच सभी कर्मचारी पूरी लगन के साथ अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।
मीडिया टीम को कहा धन्यवाद
उन्होंने मीडिया टीम को भी इस विषम परिस्थितियों में कार्य कर पल-पल की जानकारी आमजन व उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने हेतु धन्यवाद दिया व कहा कि वाकई सुकमा जिले की मीडिया टीम बधाई की पात्र हैं, जो इतने संवेदनशील क्षेत्र में इतनी कठिनाइयों के बीच कार्य कर रहे हैं।