सुकमा
कमिश्नर और आईजी ने किया कोंटा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 21 जुलाई। सुकमा जिले के अंतिम छोर कोटा में 10 दिनों बाद आखिरकार बाढ़ का पानी अब उतर चुका है, जिसके बाद जनजीवन को दोबारा से बाहर करने की तैयारी प्रशासन कर रहा है और मलबे को हटाकर नगर में सफाई का काम भी लगभग हो चुका है। लोग घरों में अब सफाई के साथ-साथ हुए नुकसान को बहाल करने में जुटे हुए हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग इलाके में ब्लीचिंग पाउडर का छिडक़ाव कर बीमारी का सर्वे करने में जुटा हुआ है।
इधर, कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा के निर्देश पर बाढ़ से लोगों को को हुए नुकसान का सर्वे डोर टू डोर किए जाने का निर्देश दिया गया जिसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा गठित टीम अब डोर टू डोर जाकर बाढ़ के नुकसान का सर्वे कर रही है। इस बार में कच्चे मकान वाले गरीबों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं बाढ़ के बाद जहरीले जीवों और सांप भी बस्ती के अंदर घुस आए हैं, जिससे आम लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है।
19 जुलाई की रात भी कोंटा के वार्ड क्रमांक 5 में सांप काटने से एक अस्पताल में भर्ती है । वार्ड क्रमांक 12 में गोल्डी ढाबा में बाढ़ के पानी के साथ एक बड़ा पेड़ बह कर ढाबे की छत पर अटक गया था, बाढ़ का पानी उतरते ही पेड़ वही अटका रहा। ढाबा के संचालक ने बताया कि उन्होंने नगरी प्रशासन को कई बार अवगत कराया लेकिन अब तक इस भारी पेड़ को उतारने कोई नहीं आया।
बुधवार को बस्तर कमिश्नर श्याम धावडे, बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी. ने कोंटा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने राहत केंद्रों में लोगों से चर्चा कर बाढ़ में हुई क्षति तथा राहत शिविर में प्रदाय की जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने राहत शिविरों में स्वच्छता, जल आपूर्ति, विद्युत व्यवस्था, भोजन व्यवस्था आदि का संज्ञान लिया।
कमिश्नर धावड़े ने राहत केंद्र पर लोगों के समयानुसार जल्दी भोजन प्रदान करने हेतु निर्देशित किया है। इसके साथ ही स्वच्छता व्यवस्था को और बेहतर करने के निर्देश दिए। इस दौरान सुकमा कलेक्टर हरिस. एस, पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा एवं अन्य अधिकारी गण उपस्थित रहे। राहत शिविर में लोगों ने बताया कि प्रशासन द्वारा उन्हे सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।
वार्ड में चल रहे सर्वे कार्य का किया अवलोकन
संभागायुक्त धावड़े सहित समस्त अधिकारियों ने कोंटा नगर के बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित वार्डों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वार्ड 14 में सर्वे कार्य का अवलोकन भी किया। उन्होंने सर्वे कार्य में लगे अधिकारियों, पटवारियों को सभी ब्यौरे व्यवस्थित रूप से संधारण करने के निर्देश दिए, जिससे क्षति का सही मूल्यांकन किया जाए, और नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि प्रभावितों को प्रदान की जा सके।
बीमारियों से बचाव के लिए घर घर जाकर किया जा रहा स्वास्थ्य जांच और दवा वितरण
गौरतलब है कि कोंटा नगर पंचायत क्षेत्र में बाढ़ के कारण लगभग सभी रिहायशी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति रही। बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही, सडक़ों से मलबा हटाकर, ब्लीचिंग पाउडर का छिडक़ाव किया जा रहा है। इसके साथ ही जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए घर घर घूमकर वार्ड वासियों की स्वास्थ्य जांच कर उन्हें दवाईयां प्रदान की जा रही है। वहीं मच्छरों से बचाव के लिए वार्डों में जनप्रतिनिधियों के सहयोग से प्रशासन द्वारा मच्छरदानी भी उपलब्ध कराई जा रही है। पेयजल की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए हैंडपंप, बोरवेल एवं अन्य जल स्त्रोतों में क्लोरिनेशन का कार्य किया जा रहा है।