बीजापुर
भूपेश सरकार की गौठान योजना को बताया फ्लॉप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 4 अगस्त। भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद व राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय गुरुवार को एक दिवसीय प्रवास पर यहां पहुंचे। यहां उन्होंने पहले कार्यकर्ताओं से मुलाकात की, फिर पत्रकारों से नक्सलवाद, बेरोजगारी, शराबबंदी, राज्य सरकार की गौठान योजना व हर घर तिरंगा अभियान के संबंध में विस्तार चर्चा की।
यहां सर्किट हाऊस में पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने कहा कि नक्सली बेरोजगार युवकों को बहला फुसलाकर अपने संगठन का विस्तार करने के लिए अपने साथ ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे नक्सलियों से बात करने के लिए हर समय तैयार हैं।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने आगे कहा कि 15 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी का हर नेता व कार्यकर्ता देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ को देशभर में अमृत महोत्सव के रूप में मनाने जा रहा है। इसके लिए जोरदार तैयारी भी की जा रही है। प्रदेश के हर घर में आजादी का ये उत्सव मनाने की तैयारी हो रही है। बीजेपी संगठन पूरे प्रदेश में 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलाने जा रहा है।
उन्होंने मीडिया के माध्यम से अपील की है कि सभी लोग अपने घरों में तिरंगा लगाकर देशभक्ति का परिचय दें। वहीं श्री साय ने प्रदेश की भूपेश सरकार को आड़ेहाथ लेते हुए कहा कि प्रदेश की सरकार को चार साल से अधिक का समय हो गया है। सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में आती है, तो वो बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देंगे। लेकिन आज तक प्रदेश के बेरोजगार युवकों को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिला। सरकार ने शराबबंदी करने की भी बात कही थी, लेकिन आज तक प्रदेश में शराब बंद नहीं हुआ। इस शराब की वजह से कितने परिवार तबाह हो गए।
उन्होंने गौठान योजना को लेकर भी भूपेश सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि यह सरकार की फ्लॉप योजना है। सभी गौठानों में गाय तो है। लेकिन उन्हें रखने के लिए जगह नहीं है। गोठान होने के बाद भी गौमाता सडक़ो पर रहती है।
1970 से नमक नहीं खाया
वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने बताया कि जब वे विधायक थे तो उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में शराबबंदी करवा दी थी। वहां के ग्रामीणों ने उनका विरोध किया कि वे शराब नहीं छोड़ सकते। आप फिर से शराब की दुकानों को चालू करवा दें। तब श्री साय ने कहा कि वे शराब की दुकान नहीं खुलवाएंगे। तब ग्रामीणों ने उनके आगे शर्त रखी कि हम शराब छोड़ देंगे, लेकिन आपको भी अपने खाने में नमक छोडऩा होगा, इस पर श्री साय ने हामी भर दी और 23 सितंबर 1970 से उन्होंने अपने खाने में अब नमक का उपयोग नहीं किया।
उन्होंने कहा कि मैंने मेरे क्षेत्र के लोगों से वादा किया था कि मैं नमक छोड़ दूंगा। तब से लेके आज तक मैंने अपने खाने से नमक को दूर कर दिया है।