बस्तर
पूर्व विधायक ने दी जन आंदोलन खड़ा करने की चेतावनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 2 सितम्बर। बस्तर के एकमात्र बहुप्रतीक्षित नगरनार इस्पात संयंत्र में क्षेत्र के युवा बेरोजगारों की भागीदारी तथा बेरोजगार नौजवानों को रोजगार के अवसर नहीं मिलने का मुद्दा दिनोंदिन गरमाता जा रहा है। विभिन्न सामाजिक संगठनों के द्वारा प्रशासन व एनएमडीसी प्रबंधन से पत्राचार करने के उपरांत भी समस्या का कोई हल नहीं होने पर वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक संतोष बाफना ने एनएमडीसी के सीएमडी व अधिशासी निदेशक को पत्र लिखकर स्थानीय लोगों को नॉन टेक्निकल पदों पर रोजगार में 100 प्रतिशत आरक्षण की मांग करते हुए समस्या का समाधान नहीं होने पर जन आंदोलन खड़ा करने की चेतावनी दे डाली है।
एनएमडीसी प्रबंधन के द्वारा अंतिम चरण में पहुंचे नगरनार इस्पात संयंत्र के कार्यों को पूर्ण करने टेंडर जारी किए गए थे, जिसके पश्चात नगरनार इस्पात संयंत्र में कार्यरत कंपनियों ने प्रबंधन से कार्य लेकर स्थानीय लोगों की अनदेखी करते हुए संयंत्र संचालन के लिए नॉन टेक्निकल व टेक्निकल पदों पर बाहरी राज्य के श्रमिकों को भर्ती किया है। जिसके बाद से स्थानियों को रोजगार में प्राथमिकता की मांग जोर पकड़ती जा रही है।
श्री बाफना ने तल्ख़ लहजे में पत्र लिखकर एनएमडीसी प्रबंधन को स्पष्ट रूप से कहा है कि, नगरनार इस्पात संयंत्र इस क्षेत्र की भूमि में स्थापित है और यहां के लोग अपनी भूमि एनएमडीसी को देकर बेरोजगार हो गए हैं। अनेकों बार प्रबंधन से आश्वासन मिलने एवं स्थानीय लोगों द्वारा विरोध करने के बावजूद संयंत्र में कार्यरत कम्पनियाँ इसकी अनदेखी कर रही है और ग्लोबल टेंडर एवं स्थानीय लोगों के प्रशिक्षित नहीं होने का बहाना बनाकर स्थानियों की जानबूझ कर अनदेखी कर बाहरी राज्य के श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने में तरजीह दे रहे हैं। जिसकी वजह से युवा वर्ग रोजगार की आस में पलायन करने को विवश है। और एनएमडीसी प्रबंधन है कि, कुम्बकर्णीय नींद में सोया हुआ है।
इसके अलावा बाफना ने क्षेत्र के लोगों को स्किल डेवलपमेंट के अंतर्गत एनएमडीसी प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों के प्रशिक्षित नहीं करने का भी मुद्दा उठाया है और कहा है कि, संयंत्र में कार्यरत कंपनियों द्वारा यहाँ के लोगों के प्रशिक्षित नहीं होने का कारण बताकर रोजगार नहीं देना क्षेत्र की जनता को बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। यदि प्रबंधन को यहाँ के जनमानस की इतनी ही चिंता है तो इस्पात संयंत्र के समीप प्रशिक्षण केंद्र खोलकर टेक्निकल व नॉन टेक्निकल पदों के लिए लोगों को प्रशिक्षित करने का कार्य करना चाहिए और प्रशिक्षण उपरांत उन्हें संयंत्र में रोजगार मुहैया कराया जाना चाहिए।
पूर्व विधायक संतोष बाफना ने एनएमडीसी प्रबंधन एवं कंपनियों को चेताते हुए कहा है कि, एनएमडीसी ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस से सम्बन्धित कार्य को कर रहे कंपनियों को निर्देशित करे कि, रोजगार मुहैया कराने के मामले में स्थानीय जनों के अधिकारों की अवहेलना न हो। और नॉन टेक्निकल पदों पर शत प्रतिशत स्थानीय लोगों को प्राथमिकता मिले एवं टेक्निकल पदों के लिए युवाओं को प्रशिक्षित कर भर्ती में पहली प्राथमिकता यहां के स्थानीय निवासियों को मिले।
बाफना ने कहा है कि, फिलहाल शांतिपूर्ण तरीके से प्रबंधन को चिर निंद्रा से जगाने का कार्य कर रहे हैं और इसके बाद भी प्रबंधन नहीं जागा तो आम नागरिक सडक़ पर उतरकर संघर्ष करने को बाध्य होगा। और संयंत्र में कार्यरत कंपनियों द्वारा यदि स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया गया तो एक बहुत बड़ा जन आंदोलन एनएमडीसी प्रशासन के खिलाफ किया जाएगा। इस आंदोलन की जिम्मेदारी एनएमडीसी प्रशासन की होगी।