बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 23 सितंबर। इंजीनियर की खुदकुशी के मामले में पुलिस ने कांग्रेस के पार्षद, एक सरपंच और एक व्यापारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। उनके खिलाफ कर्जा एक्ट व सूदखोरी के लिए उकसाने का अपराध कायम किया गया है। तीनों आरोपियों को फरार बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि बीते 16 सितंबर को सकरी में इलेक्ट्रॉनिक दुकान के संचालक इंजीनियर ऋषभ निगम ने अपने घर में जहर खा लिया था। गंभीर हालत में उसे अस्पताल लाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने जांच-पड़ताल के दौरान मृतक के कमरे से 6 पेज का एक सुसाइड नोट बरामद किया जो एस पी को संबोधित किया गया था। इसमें उसने लिखा है कि हाफा के सरपंच संदीप मिश्रा, सकरी के पार्षद अमित भारते और व्यवसायी जितेंद्र कुमार से वह इतना परेशान हो चुका है कि उसके पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। उसने सुसाइड नोट में बताया कि जितेंद्र मिश्रा से उसने चार लाख रुपये उधार लिए थे। इसके एवज में जितेंद्र हर सप्ताह 40 हजार रुपये ब्याज वसूल करता था। बिलासपुर नगर निगम वार्ड क्रमांक 1 का पार्षद अमित भारते से भी उसने पहले 3 लाख रुपये फिर एक लाख रुपये उधार लिए। 3 लाख का वह प्रतिमाह 10 प्रतिशत ब्याज लेता था और 1 लाख रुपये का प्रत्येक सप्ताह 10 प्रतिशत ब्याज लेता था। इन तीनों की ब्याज वसूली से परेशान होकर उसने अपनी पत्नी के गहनों को एक गोल्ड लोन कंपनी में गिरवी रख दिया था। दोनों के नाम पर उन्होंने महंगी घड़ी और इलेक्ट्रॉनिक सामान भी फाइनेंस कराकर रख लिए। मेरी कार को भी उन्होंने जब्त करके अपने पास रख लिया है। इन लोगों से वह त्रस्त है। कांग्रेस पार्षद और उनके साथियों के खिलाफ वह कुछ नहीं कर नहीं सकता। मेरे परिवार का मेरे कर्ज से कोई लेना-देना नहीं है। अब मेरे पास मरने के अलावा कोई चारा नहीं है। इन सबको सजा जरूर दें।
मृतक के सुसाइड नोट पर पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू की। मृतक ऋषभ की पत्नी श्रुति व परिवार के अन्य लोगों का बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने तीनों के खिलाफ कर्जा एक्ट और आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध दर्ज किया। अपराध दर्ज होने के बाद से तीनों आरोपी फरार चल रहे हैं।