सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 10 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ सरकार पर जनजाति विरोधी होने का आरोप लगाते हुए सर्व आदिवासी समाज ने प्रदर्शन किया। बिलासपुर हाईकोर्ट ने आदिवासियों के आरक्षण को 32 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया है। इसे लेकर आदिवासी समाज ने प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रामक दिख रहे हैं।
आदिवासियों के आरक्षण में कटौती को लेकर सर्वआदिवासी समाज ने बसस्टैण्ड में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर आदिवासियों के आरक्षण को घटाकर 20 प्रतिशत करने को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने कहा कि कांग्रेस सरकार के 3 साल में ही इन्होंने अपना रंग दिखा दिया। आदिवासी समाज के लिए इस सरकार की नियत साफ नहीं है। जनजाति वर्ग का 32 फीसदी आरक्षण समाप्त होने के बाद राज्य सरकार परेशान दिख रही है, हो सकता है यह दिखावटी या बनावटी हो, क्योंकि कोर्ट के आदेश के कुछ ही दिनों बाद राज्य सरकार कम किये गये 12 फीसदी को बांटने का आदेश प्रसारित करती है। और कहा जाता है कि न्यायालय के आदेश का पालन मजबूरी है।
सभा को संबोधित करते हुए रामा शोडी ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार आदिवासी विरोधी सरकार है। आरक्षण में कटौती करने पर जनजाति समाज को भारी नुकसान हुआ है। इस कांग्रेस सरकार का दोहरा चरित्र जनता के सामने आ गया है।
आरक्षण कटौती को लेकर सर्व आदिवासी समाज के नेता संजय शोडी ने कहा कि आदिवासी समाज को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार ने दोहरा चरित्र का प्रदर्शन किया है, वास्तव में यह जनजाति विरोधी सरकार है। भाजपा सरकार के समय भी यह मामला न्यायालय में लंबित था जहां भाजपा द्वारा जनजाति आरक्षण तथ्यों को सही तरीके से न्यायालय के समक्ष रखती रही जिससे 32 प्रतिशत आरक्षण बना रहा परंतु कांग्रेस सरकार के 3 साल में ही इन्होंने अपना रंग दिखा दिया।
धरना प्रदर्शन में मनीष कुंजाम, रामा शोडी, हडमा, बारसे, धनीराम, स्वयंमुका चिंगाराम मण्डावी
रामघर बघेल,सुखदेव प्रधानी,हांदा सोड़ी,सोमाराम मरकाम,दीपक कुमार बारसे, शंकर लाल नाग,लखमा कवासी,सलवम दुलेश कवासी विष्णु,कुहराम सोमा,राजेश कुमार नाग मंगलराम मांझी सुखराम नेगी,मानसाय भोयरअजमन बघेल,गंगा बघेल,डमरू राम बघेल रमेश कुमार नाग, देवा मरकाम उपस्थित थे।