कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 12 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष व विधायक चंदन कश्यप ने विलुप्त होती छत्तीसगढ़ी खेलों को मंच प्रदान करने के लिए सीएम बघेल के निर्णय को सराहा। विधायक चंदन कश्यप ने 12 अक्टूबर को सोनाबाल के खण्डाम के उन्मुक्त खेल मैदान में ग्रामीण छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक का आज समापन किया। इसमें दलीय व एकल श्रेणी में 14 तरह के पारम्पिक खेल शामिल किया गए हैं। गिल्ली डंडा, पिट्टूल, लंगड़ी दौड़, बांटी, बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा की प्रतियोगिता आयोजित हुई।
विधायक चंदन कश्यप ने कहा कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विजन के अनुरूप छत्तीसगढ़ में पारम्परिक खेल गतिविधियों को ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में प्रोत्साहित करने के लिए पहल की गई है। छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक से प्रतिभागियों को एक ओर जहां मंच मिलेगा। वहीं उनमें खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और खेल भावना का विकास होगा।
छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक के आयोजन को लेकर विधायक चंदन कश्यप ने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि, छत्तीसगढ़ की संस्कृति और सभ्यता को सजोने का काम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार निरंतर कर रही हैं। कभी बोरे बासी खाकर तो कभी तीजा पोरा त्यौहार मना कर और अब छत्तीसगढ़ की पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार काम कर रही है, साथ ही कहा कि, जो खेल विलुप्त होते जा रही थी। हम भूलते जा रहे थे उसे सजोनें का काम सरकार कर रही है, चाहे बात बाटी से कबड्डी की हो भवरे से लंगडीदौड़, खो-खो, कबड्डी सहित कुल 14 खेलों का आयोजन करा रही है और एक नया आयाम देते हुए छत्तीसगढ़ ओलंपिक का नाम दिया हुआ है यह प्रतियोगिता ग्रामीण स्तर से से प्रदेश स्तर तक पहुंचेगी और वहां पहुंचने के बाद खिलाडिय़ों को एक नई पहचान मिलेगी।
इस मौके पर विधायक प्रतिनिधि वरुण सेठिया, मर्दापाल ब्लॉक अध्यक्ष सुखराम पोयाम, नारायणपुर विधानसभा अध्यक्ष देवेंद्र कोर्राम, पीसीसी सदस्य राजू साहू, मुरिया समाज जिलाध्यक्ष धनीराम शोरी, अग्रहित कुमेटी, धोबी राम शोरी, सरपंच खण्डाम बृजबती शोरी, बंगाराम सोढ़ी अधिकारीगण कार्यकर्ता आदि लोग उपस्थित थे।