मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
गांधी के जीवन मूल्य आज भी हमारे लिए प्रासंगिक हैं - प्रो. भागवत प्रसाद दुबे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
चिरमिर्री, 16 अक्टूबर। गांधी दर्शन और जीवन मूल्य आज अनेक समस्याओं के समाधान में सबसे कारगर और सहायक हथियार हैं। आज जबकि समूचा विश्व तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर खड़ा है।
परमाणु तथा जैविक हथियारों का बढ़ता प्रयोग मानवता के लिए आज खतरा बन गया है। विज्ञान के अंधाधुंध प्रयोगों ने हमारे जीवन को सुखमय अवश्य बनाया है। परंतु इसके ऋणात्मक प्रभाव को भी नकारा नहीं जा सकता है। गांधीजी का मानना था कि केवल मस्तिष्क, केवल शरीर और केवल भौतिक दृष्टि से ही विकास करना पर्याप्त नहीं इसके स्थान पर दया, प्रेम, सेवा और जीवन के नैतिक मूल्यों को भी समाज में महत्व देना होगा। उक्त बातें शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिरमिरी में महात्मा गांधी मूल्य अनुशीलन और नैतिक विकास केंद्र के उद्घाटन अवसर पर मुख्य वक्ता के रुप में बोलते हुए गांधीवादी चिंतक प्रोफेसर भागवत प्रसाद दुबे ंने कहा-कि लाहिड़ी महाविद्यालय के लिए आज बहुत बड़ा अवसर जब इस तरह के अध्ययन केन्द्र की स्थापना हो रही है। निश्चित रूप से यह अध्ययन केंद्र छात्र छात्राओं के चरित्र निर्माण और नैतिक विकास के लिए सार्थक कदम साबित होगा।
इससे पूर्व कार्यक्रम के प्रारंभ में शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राम किंकर पाण्डेय ने महाविद्यालय में नवस्थापित महात्मा गांधी मूल्य अनुशीलन और नैतिक विकास केंद्र के स्थापना के उद्देश्य, महत्व और कार्ययोजना पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि इस अध्ययन केंद्र की स्थापना नई पीढ़ी के युवाओं को युगपुरुष महात्मा गांधी के जीवन मूल्यों से परिचित कराने और उन्हें जीवन में उतारकर उनके माध्यम से गांधी के सपनों के भारत का निर्माण करना है। डॉ. पाण्डेय ने कहा कि इस केंद्र में गांधी का संपूर्ण वांगमय मंगाकर उसे विद्यार्थियों को पढऩे के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। जिसे पढक़र युवा समाज में गांधी जी के विचारों के वाहक बन सकेंगे। उक्त कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त स्टाफ एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन राजनीति शास्त्र विभाग के अध्यापक डॉ. उमाशंकर मिश्रा ने किया।