मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 14 अप्रैल। जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ में माता के भक्तों ने विशाल 901 मीटर की चुनरी शहर के प्राचीन शीतला माता मंदिर से श्री राम मंदिर होते हुए वार्ड क्र. 19 हंसिया नदी के तट पर स्थित काली माता मंदिर तक लगाई है। चुनरी का एक छोर शीतला माता मंदिर व दूसरा छोर काली माता मंदिर को छू रहा है जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन गुरूवार को वार्ड क्र. 19 स्थित काली मंदिर से देवी माँ के श्रृंगार के लिए 901 मीटर की आकर्षक सुसज्जित चुनरी यात्रा निकाली गई थी। समूचे नगर का भ्रमण करने के उपरांत चुनरी का एक छोर शीतला माता मंदिर व दूसरा छोर काली माता मंदिर में बांधकर दोनों मंदिरों को आस्थापूर्वक तरीके से जोडऩे का काम किया गया है। शीतला माता मंदिर से निकलकर चुनरी श्री राम मंदिर, जैन मंदिर चौक होते हुए भगत सिंह तिराहा होकर काली मंदिर पहुंची है।
श्री रामनवमीं पर्व के उपरांत चुनरी को उतारकर शक्ति स्वरूपा श्रद्धालु महिलाओं को इसका वितरण किया जाएगा। चुनरी के माध्यम से देवी माँ के दो मंदिरों को आस्था के बंधन से जोडऩे का काम किया गया है जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
श्रद्धालुओं का कहना है कि जब वे चुनरी के नीचे से होकर शहर में गुजरते हैं तो उन्हें ऐसा आभास होता है कि उनके सिर पर साक्षात माता का हाथ और आशीर्वाद है।
आस्था के बंधन में दो देवी मंदिरों को जोडऩे में लगे 8 घंटे
दो देवी मंदिरों को आस्था की चुनरी से जोडऩे में करीब 8 घंटे का समय लगा है। बस स्टैंड इंदिरा वार्ड क्र. 19 स्थित काली मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि ट्रैफिक की कोई समस्या न हो इसके लिए चुनरी लगाने का काम शुक्रवार की मध्य रात्रि 12 बजे से शुरू किया गया, जो दूसरे दिन शनिवार की सुबह करीब 8 बजे तक चला।
बेहद सावधानीपूर्वक रस्सी का सहारा लेकर चुनरी को शहर के बीच से ले जाते हुए देवी मां के मंदिरों को आस्था के बंधन में पिराने का काम किया गया है।