बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 19 अक्टूबर। राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ के पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस बात का सीधा उदाहरण देखने को मिला, बस्तर के नवनिर्मित तहसील नानगुर में। जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों और पशुपालक सहित गोबर विक्रेताओं को दीपावली से पहले ही खुशियों की सौगात दी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 17 अक्टूबर को रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से राजीव किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के तहत हितग्राहियों को राशि का ऑनलाइन भुगतान किया। इस कार्यक्रम के तहत बस्तर जिले के 64 हजार 587 किसानों के खातों में 132 करोड़ करोड़ 94 लाख रुपए से अधिक की राशि के साथ ही राजीव गांधी गोधन न्याय योजना के तहत 1 हजार 611 हितग्राहियों के खातों में 9 लाख 67 हजार 908 रुपए का भुगतान किया गया।
नानगुर के ही किसान विनोद कुमार सेठिया ने बताया कि वे खेती-किसानी करते हैं, उनके पास लगभग 5 एकड़ जमीन है। उन्हें राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिल रहा है जिससे उन्होंने पिछले वर्ष अपने खेत में बोर की सुविधा करवाई। इस साल भी उन्हें दीवाली से पहले ही योजना की राशि मिल रही है, जिससे वे काफी खुश हैं। विनोद का मानना है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों को खेती करने के लिए प्रोत्साहन मिल रहा है।
नानगुर की ही एक और कहानी काफी प्रेरणादायी है, ये कहानी है मीना कोंदाम की। मीना नानगुर की ही रहने वाली हैं और अपने समूह के साथ मिलकर गोबर बेचने और वर्मी-कम्पोस्ट खाद बनाने का काम करती हैं। मीना से जब पूछा गया कि उन्हें गौठान में कैसा लग रहा है, तब वे कहती हैं। यहां काम करने से हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है। पहले तो हम कुछ नहीं करते थे। पर अब हम आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। सरकार की यह पहल काफी अच्छी है। हमें खाद बनाने के लिए जगह और प्रशिक्षण दोनों मिला जिससे हम काफी खुश हैं। बड़े ही आत्मविश्वास से बात करते हुए मीना कहती हैं, कि समूह ने लगभग 1 लाख 60 हजार की कमाई की है। उनके समूह ने 156 क्विंटल खाद बेचा है। हंसते हुए मीना कहती हैं कि उन्हें मछली पालन करने का भी मौका मिल रहा है। जिसके लिए वे मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहती हैं।