सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 21 अक्टूबर। कृषि भूमि पर सामाजिक भवनों या अन्य शासकीय भवन बनाने के नाम से पुलिस फोर्स लगाकर बेदखल किया जा रहा है। इसे रोकने मूलवासी जमीन बचाओ मंच ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया गया कि जिला-सुकमा में मूलवासियों के पुरखों की खेती जमीन पर जबरदस्ती प्रशासन द्वारा अधिग्रहण की जा रही है जिसे तत्काल रोका जाना चाहिए व काबिजों को पट्टा दिया जायें। सुकमा जिला 5वीं अनूसूची क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। आरोप है कि शासन द्वारा नगर पंचायत बनाकर पेसा कानून के नियमों को शिथिल कर दिया और लगातार मूलवासियों के पुरखों के खेती जमीन पर प्रशासन द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है।
सुकमा जिला बनने के बाद कुम्हारास पावारास, सुपनार, पुसामीपारा के आदिवासी किसानों की जमीन पर शासन, प्रशासन द्वारा शासकीय भवनों व अन्य विकास कार्य के नाम से जमीन छीना गया, थोड़ा बहुत शेष है। उसे पट्टा नहीं कह कर पुलिस फोर्स तैनात कर धमका कर खेती जमीन पर अधिग्रहण किया जा रहा है। किसान सरकारे नहीं थी, तब से इस जमीन पर काबिज है। अब शासन-प्रशासन की जिम्मेदारी है कि पट्टा देना जबकिी वे सैकड़ो वर्षों से खेती कर रहे हैं, उनकी जीविका खेती पर ही निर्भर है।
कृषि भूमि पर सामाजिक भवनों या अन्य शासकीय भवन बनाने के नाम से पुलिस फोर्स लगाकर हमारे जमीन से बेदखल नहीं किया जा सकता है। हमारे जीवनयापन का एक मात्र साधन कृषि है, हमारे खेती जमीन पर भवनों का निर्माण किया जाएगा तो हम गरीब आदिवासीयों का जीवन मुश्किल हो जाएगा।
पावारास के किसान सोड़ी दूला पिता हिरमा वेट्टी भीमा, योगेशवंजाम, यमला सोनू की खेती जमीन पर 18/10/2022 को पटवारी तहसीलदार, पुलिसफोर्स तैनात कर खेती जमीन पर गड्डे खुदवाय गये, किसानों द्वारा विरोध करने पर जेल भेजने की धमकी भी दी गई। इसमें पट्टे की जमीन भी है और सैकड़ों वर्षों से खेती करते आ रहे है। इस तरह किसानों के जमीन पर अधिग्रहण करना बिल्कुल अनुचित है।
मूलवासी जमीन बचाओं मंच -नगर पालिका परिषद सुकमा शासन प्रशासन द्वारा पुरखों से काबिज व पट्टे की खेती जमीन पर भवनों का निर्माण का विरोध करती है।
प्रमुख मांगें-
1. मूलवासियों के पुरखों की खेती जमीन पर शासकीय या अन्य भवनों का निर्माण नहीं किया जाये।
2. सोड़ी दूला, वेट्टी भीमा योगेश वंजाम यमला सोनू की पुरखों की खेती जमीन है, जहां अन्य लोगों द्वारा अधिग्रहण किया जा रहा है। पट्टे की भी जमीन है, तत्काल अधिग्रहण को रोका जाये तथा अधिग्रहण की गई कार्यवाही को निरस्त किया जाये।
3. पुरखों से काबिज मूलवासियों के खेती जमीन का पट्टा दिया जाये व वनाधिकार कानून 2006 के अनुसार तत्काल नगरीय क्षेत्र सुकमा के सभी किसानों को पट्टा दिया जाय।
4. खेती जमीन पर अधिग्रहण की कार्यवाही बंद किया जाये व पूरे नगर पालिका क्षेत्र में मूलवासियों के खेती जमीन पर शासकीय या किसी अन्य कार्य के लिये ग्रामवासियों की सहमति बिना जमीन अधिग्रहण कार्यवाही नहीं किया जाये।