सुकमा
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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 23 अक्टूबर। बसस्टैंड स्थित श्री श्री महाकाली मंदिर शक्तिकानन में वार्षिक काली पूजा की तैयारिया अंतिम चरण पर है। ज्ञात हो कि 45 वर्षों से बंगीय समाज वार्षिक उत्सव करते आ रहे हैं।
वार्षिक काली पूजा के अध्यक्ष संजीत हलदर ने बताया कि 24 अक्टूबर को मध्य रात्रि में माता का जन्मोत्सव, 25 एवं 26 अक्टूबर को माता की आरती, ज्योत, जागरण एवं महाप्रसाद (भण्डारा )का भी आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दो दिवसीय जागराता में कोलकाता से कलाकार आऐंगे, जिससे तीन दिवसीय कार्यक्रमों में मां का विभिन्न प्रकार से आरती सम्पन्न होगी, मुख्यत: दो दिन जागरण किया जाएगा। काली पूजा की तैयारी अब अपने अंतिम चरण में है। सुकमा व अन्य क्षेत्र में जहां जहां बंगीय समाज है, वहां धूमधाम से काली पूजा होती है।
अध्यक्ष ने बताया कि यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए हर संभव सुविधा मुहैया कराने की पूरी व्यवस्था की गई है। पूजा का शुभारंभ सोमवार को होगी। इसकी तैयारी की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि तैयारियां पूरी होने के बाद विधिवत मां काली की पूजा-अर्चना शुरू होगी।
युवाओं में पूजा को लेकर उत्साह
प्रति वर्ष होने वाली काली पूजा में युवाओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। पिछले कुछ वर्षों से युवा पूजा की भागदौड़ सम्भाल रखे हैं, जो युवाओं को धार्मिक जागरणों में बढ़-चढक़र भाग लेने प्रेरित करते हंै। वरिष्ठ वर्गों के मार्गदर्शन से होने वाले इस वार्षिक उत्सव में माताओं व बहनों की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण होती है। वे जागरण में भाग लेकर पूरी रात भर होने वाली पूजा सम्पन्न करवाते हैं।
वार्षिक काली पूजा की तैयारी मेें रवीन बाला, काजोल देवनाथ ,संजीत हलदर, अजय मंण्डल, विकास राय ,अजय घोष, रवि हलदर ,राजेश दास शिव शंकर सिकधर जितेंद्र, दिलीप बिस्वास, सुजीत हलदर जुटे हैं।
श्रीश्री महाकाली मंदिर, शक्तिकानन का उद्भभव
शबरी नदी के टट पर बसा सुकमा का एक मात्र काली मंदिर जो अपने पूर्व मे साधनाओं का प्रतिफल ही है जो वर्तमान में सौन्दर्य व अपार लोकप्रियता लिए है। आचार्य स्व. नरेन्द्र गिरी वैदिक काली जी प्रथम पुजा पाठ शुरू किए। वे 1977 में इस मंदिर का निर्माण कराए थे, जो परंपरागत पूजाओं के क्रम में इसी परिवार से पूजा पाठ सम्पन्न होती है और आंतरिक भाग में भक्तों के लिए एक और आकर्षण का केन्द्र है, वहां अन्दर ही राधे कृष्ण, हनुमान व शिवालय और, काली मां के अनन्य भक्त रामकृष्ण परमहंस की भी मूर्ति स्थापित की गई है।