सुकमा
सीआरपीएफ के सहयोग से ऐतिहासिक विरासत-सांस्कृतिक धरोहर से हुए रूबरू
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 27 अक्टूबर। 14वीं ट्राइबल यूथ एक्सचेन्ज प्रोग्राम के तहत सुकमा जिले नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 40 आदिवासी युवक-युवतियों को सीआरपीएफ के द्वितीय वाहिनी के द्वारा नेहरू युवा केन्द्र जगदलपुर के माध्यम से दिल्ली भ्रमण लिए भेजा गया था। देश के विकास, समृद्धि व सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों से आदिवासी युवा रूबरू हुए, जिसमें इनको देश के प्रगतिशील क्षेत्र के गतिविधियों व विकास को नजदीक से देखने का मौका मिला।
सीआरपीएफ सेकेंड बटालियन के सहयोग से 15 से 21 अक्टूबर तक भारत के विविध स्थानों के भ्रमण करवाया गया। वहीं सभी युवा 24 अक्टूबर को वापस लौट आए। सीआरपीएफ सेकेंड बटालियन में युवाओं ने इस भ्रमण का अनुभव सीआरपीएफ अधिकारियों से साझा करते हुए अपनी यात्रा की विस्तृत जानकारी दी।
सीआरपीएफ सेकेंड बटालियन के द्वारा सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित इलाके छिन्दगढ़, कुकानार, फुलबगड़ी, पोलमपल्ली, चिन्तागुफा, दोरनापाल, कुन्दनपाल, बोदागुड़ा, सामसेट्टी, कोर्रा, एर्राबोर, आसीरगुड़ा, इंजरम एवं गादीरास के युवाक-युवतियों को नई दिल्ली के लिए भेजा गया था। ताकि वे इस शहर का विकास नजदीक से देख सकें और वापस आने पर अपने क्षेत्र के लोगों को इससे संबंधित सभी प्रकार की जानकारी को साझा कर सकें व अपने क्षेत्र के विकास में अग्रणी भूमिका निभा सकें। इस कार्यक्रम के तहत 21 युवाओं और 19 युवतियों को नई दिल्ली भ्रमण करवाया गया।
इस अवसर पर सेकेंड बटालियन के कमांडेंट रतिकान्त बेहरा के द्वारा इन युवाओं से यात्रा के विभिन्न पहलुओं एवं अनुभवों के बारे में पूछा गया। युवाओं ने बताया कि इस प्रकार के भ्रमण से वे सभी जागरूक हुए हंै तथा नजदीक से उन्हें देश के विकास, समृद्धि व सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर को देखने का अवसर प्राप्त हुआ है। साथ ही उन्होंने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि भविष्य में भी इस तरह का पहल द्वितीय वाहिनी सीआरपीएफ के द्वारा जारी रखा जाना चाहिए, ताकि आदिवासी युवक व युवतियों को अपने देश के वास्तविक तस्वीर को देखने का मौका मिलता रहे।
द्वितीय कमान अधिकारी अनामी शरण ने युवाओं को संबोधित करते हुए यह आशा जताई कि इस कार्यक्रम से यहाँ के युवाओं को जो अनुभव प्राप्त हुआ है, वो अपने क्षेत्र के लोगों के साथ आदान-प्रदान तथा चर्चा करें ताकि देश के विकास तथा हो रहे तरक्की के साथ-साथ सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहरों के बारे यहाँ के लोगों को पता चलेगा।
इस मौके पर वाहिनी के द्वितीय कमान अधिकारी पवन कुमार, उप कमांडेन्ट भास्कर भट्टाचार्य अधीनस्थ अधिकारी व जवान मौजूद थे।