सुकमा

मूलवासियों की जमीन को जबरदस्ती अधिग्रहण पर रोक लगाए प्रशासन-भाजपा जिलाध्यक्ष
28-Oct-2022 7:54 PM
मूलवासियों की जमीन को जबरदस्ती अधिग्रहण पर रोक लगाए प्रशासन-भाजपा जिलाध्यक्ष

सुकमा, 28 अक्टूबर। भाजपा जिला अध्यक्ष धनीराम बारसे ने विज्ञप्ति जारी कर सुकमा में निवासरत मूल निवासियों की जमीन को जिला प्रशासन के द्वारा जबरदस्ती अधिग्रहण करने का विरोध किया है एवं जल्द रोक लगाने का मांग की है।

धनीराम बारसे ने आरोप लगाते कहा है कि लगातार प्रशासन द्वारा मूलनिवासियों क़े पुरखों की जमीन को अधिग्रहण किया जा रहा है। मूलनिवासियों क़े जीवन यापन का एक मात्र सहारा उनकी जमीन जिस पर कई वर्षों से खेती करते आये थे, उन्हें जबरन डरा-धमकाकर विकास क़े नाम व शासकीय बिल्डिंग बनाने क़े नाम से बेदखल नहीं किया जा सकता। सुकमा जिले में निवासरत सभी किसानों को 2006 क़े क़ानून क़े तहत वन अधिकार पट्टा जल्द से जल्द दिया जाये।

धनीराम बारसे ने इन सभी मामले पर कांग्रेस की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा कि कांग्रेस के ही पार्षद के द्वारा जहां एक ओर सरकारी वन भूमि की जमीन चोरी चुपके रजिस्ट्री करा कर जमीन को करोड़ों में बेच दिया जाता है, वहीं कई वर्षों से खेती कर रहे सुकमा जिले में निवासरत मूलनिवासियों की जमीन को जबरन अधिग्रहण किया जा रहा है। जिसकी हम निंदा व कड़ा विरोध करते हैं एवं प्रशासन से निवेदन करते हैं कि मूल निवासियों के जमीन के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जाए, अन्यथा भाजपा के समस्त कार्यकर्ता मूल निवासियों की जमीन को बचाने के लिए जमीनी लड़ाई लड़ेंगे।

धनीराम बारसे ने कहा कि सुकमा जिला में सभी ओर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। सुकमा की जमीन को जमीन दलालों व कांग्रेस के नेताओं ने बेच दिया उस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है, वहीं दूसरी ओर विकास के नाम पर वर्षों से खेती किसानी कर रहे मूलनिवासी गरीब परिवार के लोगों पर दबाव बनाकर एवं डरा धमका कर जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है। जो कि सरासर गलत है। भाजपा के जिला अध्यक्ष धनीराम बारसे ने कहा कि सुकमा जिला पूरी तरह से भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है।

कांग्रेस सरकार आरक्षण की दुश्मन
कांग्रेस सरकार आदिवासियों का आरक्षण तक छीन ले रही है और वहीं सुकमा जिला में  गरीब आदिवासियों की भूमि को भी डरा धमका कर ले लिया जा रहा है और इस सभी मामले में कांग्रेस के मंत्री कवासी लखमा की चुप्पी इस बात का सबूत है कि वह सुकमा के मूल निवासियों के साथ नहीं जमीन दलालों के साथ है। सुकमा जिला पूरी तरह से कमीशन खोरी का अड्डा बन चुका है। कई जगह शिकायत होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है। निर्माण एजेंसी भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। सुकमा जिले की जनता त्रस्त हो चुकी है।

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