मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

एमसीबी में स्थानांतरण नीति के खिलाफ तबादले से अधिकारी-कर्मियों में रोष
30-Oct-2022 8:48 PM
एमसीबी में स्थानांतरण नीति के खिलाफ तबादले से अधिकारी-कर्मियों में रोष

   राहत और न्याय के लिए अदालत की शरण में जाने की तैयारी    
रंजीत सिंह
मनेन्द्रगढ़, 30 अक्टूबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)।
जिला विभाजन से पूर्व से ही अपनी कार्यशैली से सुर्खियों में रहा राजस्व महकमा अब नवीन जिला एमसीबी के गठन के बाद अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले को लेकर एक बार फिर से सुर्खियों में है। एमसीबी जिले में शासन की स्थानांतरण नीति को ताक पर रखते हुए अधिकारी-कर्मचारियों के स्थानांतरण की बात सामने आई है, जिससे स्थानांतरित किए गए अधिकारी-कर्मचारियों में निराशा के साथ नाराजगी देखी जा रही है।

स्थानांतरण नीति के निष्ठापूर्वक पालन में कलेक्टर पर विफलता का आरोप लगाते हुए अधिकारी-कर्मचारी न्याय और राहत के लिए शीघ्र उच्च न्यायालय की शरण में जाने की बात कह रहे हैं। इधर, एमसीबी कलेक्टर पीएस धु्रव ने कहा कि अधिकारी-कर्मचारियों के स्थानांतरण में उनके द्वारा नियमों की अवहेलना नहीं की गई है। कलेक्टर का कहना है कि प्रशासनिक कार्य की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए तबादले किए गए हैं।

जानकारी के अनुसार मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) कलेक्टर के द्वारा 20 अक्टूबर को नवीन जिले के 14 पटवारियों, 26 अक्टूबर 2022 को 4 तहसीलदारों के साथ राजस्व निरीक्षकों का स्थानांतरण आदेश जारी किया गया है।

 कलेक्टर द्वारा जारी स्थानान्तरण आदेश का आधार छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग रायपुर के पत्र क्रमांक एफ-2-48/सात-2/2014 रायपुर, 21 जनवरी 2015 को बनाया गया है, जबकि स्थानांतरण नीति 2022 स्थानांतरण के पूर्व प्रतिपादित नीतियों को अधिक्रमित करते हुए तैयार की गई है।

ऐसे में कहा जा रहा है कि नवीन नीतियों के प्रकाशन के पश्चात पुरानी नीतियों को आधार बनाकर स्थानांतरण आदेश जारी किया गया है। वहीं स्थानांतरण नीति 2022 में यह भी वर्णित है कि स्थानांतरण प्रस्ताव संबंधित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा विस्तृत परीक्षण उपरांत तैयार कर कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री को प्रस्तुत किए जाएंगे और प्रभारी मंत्री के अनुमोदन उपरांत ही जिला कलेक्टर द्वारा आदेश प्रसारित किए जाएंगे, लेकिन आदेश में इसका भी पालन नहीं किया गया है। इसके अलावा स्थानांतरण नीति 2022 के अनुसार ऐसे शासकीय सेवक जो एक ही स्थान पर 15 अगस्त 2021 अथवा उससे पूर्व से कार्यरत हों, केवल उन्हीं के स्थानंतरण किए जाएंगे, लेकिन आदेश से प्रभावित कई अधिकारी-कर्मचारी की वर्तमान पदस्थापना अवधि स्थानांतरण नीति में वर्णित समयावधि के अंतर्गत नहीं आ रही है।

साथ ही स्थानांतरण नीति में यह भी दर्शाया गया है कि स्थानांतरण नीति 2022 के नियमों एवं नीतियों के पालन का संपूर्ण दायित्व जिला स्तर पर कलेक्टर का होता है, लेकिन स्थानांतरित किए गए अधिकारी-कर्मचारी दबी जुबान से कह रहे हैं कि राज्य शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के निष्ठापूर्वक पालन में एमसीबी कलेक्टर विफल रहे हैं, ऐसे में राहत और न्याय के लिए वे शीघ्र उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।

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