महासमुन्द
महासमुंद, 31 अक्टूबर। सोमवार को उदयाचलगामी सूर्य को अघ्र्य देने के बाद छठ व्रती महिलाओं ने व्रत का पारण किया।
लोकआस्था व सूर्य उपासना के महापर्व का रविवार को तीसरा दिन था। रविवार शाम सैकड़ों श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को जलाशय के किनारे पानी में खड़े होकर अघ्र्य दिया। शुक्रवार को नहाय खाय के साथ छठ पूजा शुरूहुई। शनिवार को गुड़ व कच्चे चावल सेे बनी खीर, फल व दूध का छठ मइया को भोग लगाया। प्रसाद खाकर छठ व्रतियों ने खरना का पालन किया। सोमवार को उगते सूर्य को अघ्र्य देने के साथ ही व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व निराहार व्रत पूरा किया।
मालूम हो कि इस व्रत को अत्यंत ही पावन माना जाता है और यही कारण है इसे आस्था का महापर्व कहते हंै। सोमवार को तालाब घाट में छठ गीत गूंजते रहे।
बिहार समाज संगठन समिति की ओर से मंडी तालाब में आयोजन की शुरुआत हुई। मंडी तालाब के तट छठव्रतियों के लिए साफ सुथरा किए गए हैं। ताकि वे स्वच्छ वातावरण में भगवान सूर्य को अघ्र्य दे सकें।