महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सरायपाली, 31 अक्टूबर। कांशीपाली से सिघोंड़ा तक सडक़ निर्माण का कार्य 3 वर्ष बाद भी अधूरा है। कांशीपाली चौक से जलपुर, बोड़ेसरा से सिघोंड़ा पहुंच मार्ग में जगह जगह अभी तक डामर नहीं चढ़ा है। ठेकेदार पर निर्माण कार्य में लापरवाही का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है।
लोक निर्माण विभाग के तहत कांशीपाली चौक से जलपुर, बोड़ेसरा से सिघोंड़ा तक कुल 40 किमी पहुंच मार्ग के लिए 115 करोड़ स्वीकृत हुआ है, 2019 से निर्माण कार्य शुरू हुआ जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है,जो बना भी है वह भी जगह-जगह बने डामर भी उखडऩे लगे हैं, जहां मरम्मत भी किया जा रहा है, जबकि कई स्थानों पर अभी तक डामर की एक परत तक नहीं चढ़ी है,बल्कि पहले से डामरीकृत सडक़ को उखाड़ कर उसी हालत में कार्य को अधूरा छोड़ दिया गया है, कार्य को 24 माह के अंदर में निर्माण एजेंसी को पूर्ण किया जाना था, लेकिन कार्य प्रारंभ होने के 3 वर्ष बाद भी सडक़ निर्माण का कार्य अधूरा है, जगह-जगह छोडक़र डामरीकृत किये जाने से ठेकेदार बर्बरिक प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी पर सडक़ निर्माण में लापरवाही बरतने का आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाया जा रहा है।
कांशीपाली चौक से जलपुर तक अ_ारह किमी पहुंच मार्ग में बिजातीपाली से केंदुआ के मध्य लगभग डेढ़ किमी सडक़ में आज तक डामर नहीं चढ़ा है। इसी तरह कंवरपाली से आगे, सिघोंड़ा के समीप कई स्थानों को छोड़-छोडक़र डामरीकृत किया गया है, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बिजातीपाली के किसान विजय शंकर पटेल, कोमल पटेल, लीलाधर पटेल, शोभाराम पटेल केदुवां से समरलाल बरिहा, रविप्रसाद, माधवदास चौधरी निलाम्बर सोनी आदि लोगों ने बताया कि कांशीपाली चौक से जलपुर मोड़ तक लोक निर्माण विभाग के द्वारा 2019 में सडक़ निर्माण कार्य चालू किया गया, 18 किलोमीटर पहुंच मार्ग को 2 वर्ष में पूरा किया जाना था लेकिन लगभग 3 वर्ष हो जाने के बावजूद भी निर्माण कार्य अभी तक अधूरा है।
ज्ञात हो कि पूर्व के डामरीकृत सडक़ को ठेकेदार द्वारा चौड़ीकरण करने उखाड़ा गया था, लेकिन उखाड़ी सडक़ बिजातीपाली से केदुंआ तक लगभग डेढ़ किलोमीटर सडक़ को बनाने ठेकेदार द्वारा कोई पहल नहीं किया जा रहा है, खानापूर्ति के लिए मात्र मुरूम डालकर छोड़ दिया गया है।
मार्ग में डले मुरूम को समतल व डामरीकृत न करने के चलते मार्ग गड्डे में तब्दील हो गया है और लोगों को आने-जाने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में लापरवाही बरती जा रही है, जिसके चलते सडक़ निर्माण कार्य शुरू हुए 3 साल बाद भी आज तक पूर्व में उखाड़े डामर की सडक़ को डामरीकृत नहीं किया जा सका है। पहुंच मार्ग के बीच-बीच को छोडक़र शेष बचे स्थानों को पक्की सडक़ बनाए जाने से ग्रामीणों ने ठेकेदार द्वारा अन्याय व सौतेला व्यवहार किए जाने का भी आरोप लग रहा है। इसी तरह बोडेसरा से सिंघोड़ा पहुंच मार्ग में कई स्थानों को छोड़-छोडक़र डमरीकृत किया गया है, जिससे लोगों को पक्की सडक़ के बाद अचानक जर्जर गिट्टी युक्त सडक़ आने से भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।