महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 31 अक्टूबर। 28 दिन विलंब से ही सही, पर सिकलसेल का इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल महासमुंद में कल रविवार से शुरू हो गई है।
इससे जिले के सिकलसेल मरीजों को जांच और उपचार के लिए अब रायपुर की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। सीएम भूपेश बघेल ने रविवार दोपहर 12 बजे रायपुर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए महासमुंद जिलेवासियों को सौगात देते हुए सिकलसेल प्रबंधन केंद्र की शुरुआत की है। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि शादी से पूर्व पंडित से वर-वधु की कुंडली बाद में मिलाएं, सबसे पहले उनकी सिकलसेल की कुंडली मिलाएं। ताकि इस बीमारी को प्रदेश में फैलने से रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रोग चंद्राकर, साहू, आदिवासी, सतनामी समाज के लोगों में सर्वाधिक पाया जाता है। जिसे रोकना अति आवश्यक है।
मालूम हो कि यह सौगात 2 अक्टूबर से मिलने वाली थी, लेकिन किसी कारणवश शुरू नहीं हो पाई थी। कल शुभारंभ के दौरान नपाध्यक्ष राशि महिलांग, सीईओ एस आलोक, कॉलेज की डीन, सीएमएचओ डा एस आर बंजारे, प्रबंधन के नोडल अधिकारी डा. ओंकार कश्यप समेत मेडिकल कॉलेज स्टॉफ मौजूद थे।
प्रबंधन के नोडल अधिकारी डॉ.ओंकार कश्यप ने बताया कि सीएम द्वारा शुरू किए गए सिकलसेल प्रबंधन में सिकलसेल से ग्रसित मरीजों की रक्त जांच और उपचार के अलावा दवाइयां भी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए यहां लैब, ओपीडी वार्ड और दवा वितरण के लिए वार्ड निर्माण कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पहले यहां यह सुविधा नहीं थी। इसलिए जिले के मरीजों को रायपुर सिकलसेल प्रबंधन में उपचार और जांच के लिए जाना पड़ता था। अब रायपुर जैसी सुविधाएं मरीजों को यहां मिलेंगी।