महासमुन्द

विलुप्त होती छत्तीसगढ़ की चिन्हारी सुआ-राउत नाचा को महासमुंद में मिला बड़ा मंच
31-Oct-2022 8:48 PM
विलुप्त होती छत्तीसगढ़ की चिन्हारी सुआ-राउत नाचा को महासमुंद में मिला बड़ा मंच

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 31 अक्टूबर। विलुप्त हो रही छत्तीसगढ़ की चिन्हारी सुआ और राउत नाचा को मंच प्रदान करने की सोच के साथ संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर की पहल पर महासमुंद जिला मुख्यालय में कल 30 अक्टूबर से दो दिवसीय लोक महोत्सव की शुरुआत हुई।

आज 31 अक्टूबर को इस समारोह का समापन है। कल तीन राउत नाचा और 13 सुआ नृत्य दलों ने अपनी प्रस्तुति दी। ठेठ ग्रामीण वेशभूषा में अपनी सजी धजी लाठियों संग राउत बड़े ही मोहक अंदाज में दोहा-चौपाई प्रस्तुत कर रहे थे। कमर में कौड़ी का बंद, मोर पंख और सिर में राउत पगड़ी आकर्षण का केन्द्र था। अधिकांश कलाकारों ने पांव में घुंघरू बंाध रखे थे। वादक दल के कालकारों ने भी बेजोड़ प्रस्तुति देकर दर्शकों को घंटों बांधे रखा।

इसी तरह सुआ नृत्य की टोलियों की वेशभूषा बेहद आकर्षक थे। महिला कलाकारों ने पांव में पैजन, बांह में बाजूबंद, हाथ में हररैंया, कमर में करधन और गले में रुपया माला पहन रखा था। हरे, पीले, गुलाबी परिधानों में मोर पंख उनकी शोभा बढ़ाते रहा। गायक-वादक कलाकारों ने भी काफी संजीदगी से अपनी-अपनी भूमिका निभाई।

कार्यक्रम की शुरुआत से पहले शहर के राममंदिर में गांवों से पहुंचे मड़ई देवता और गौरा-गौरी की परघौनी करते हुए विधायक एवं संसदीय सचिव रंगमंच तक पहुंचे। यहां उन्होंने गांव देवताओं की पूजा-अर्चना की और कहा कि मंड़ई देवता, सीतला माई, महामाई, सांहड़ा देव, गौरा-गौरी, देश फिरंतिन माता के आशीर्वाद से ही छत्तीसगढ़ के लोग सुरक्षित हैं। हम छत्तीसगढिय़ां इन देवी देवताओं से कभी इतर नहीं हो सकते। हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा हमारी जिंदगी का हिस्सा है। हम अपनी संस्कृति को कभी खोने नहीं देंगे। हमार मुखिया भूपेश बघेल ने खो रही संस्कृति को नया जीवन दिया। यह आयोजन उसी पहल का एक हिस्सा है। इस तरह का पहला आयोजन पिछले साल महासमुंद में ही शुरू हुआ और अब अन्य जगहों पर इसका अनुकरण हो रहा है।

गौरतलब है कि इस सुआ एवं राउत नाचा प्रतियोगिता में क्रमश: प्रथम पुरस्कार 21 हजार, द्वितीय पुरस्कार पंद्रह हजार, तृतीय पुरस्कार दस हजार रुपए रखा गाव मेया है। साथ ही प्रत्येक मंडली को पंद्रह सौ रुपए सम्मान राशि दी जाएगी। आयोजन का यह दूसरा साल है। पिछले साल आयोजित प्रतियोगिता को अच्छा प्रतिसाद मिला था। जिसके मद्देनजर फिर से इस साल छत्तीसगढ़ चिन्हारी को मंच प्रदान करने लोक महोत्सव का आयोजन करने का निर्णय लिया गया।

इस प्रतियोगिता को बेहतर ढंग से संपादित करने के लिए आयोजक के रूप नगरपालिका अध्यक्ष राशि महिलांग, दाउलाल चंद्राकर,  संजय शर्मा, अजय थवाईत, कमल प्रजापति, तारिणी चंद्राकर, लता कैलाश चंद्राकर पूरे तन्मयता प्रयासरत हैं। सुआ व राउत नाचा प्रतियोगिता का यह दो दिवसीय आयोजन 30 व 31 अक्टूबर को शहर के हाईस्कूल मैदान में आयोजित है।

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