बीजापुर
काउंसलिंग में दिव्यांग, महिला और नक्सल पीडि़त को मिली प्राथमिकता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 7 नवंबर। विवादों और अनियमितता से भरे प्राथमिक शालाओं के प्रधान अध्यापकों की पदोन्नति का मामला काउंसलिंग के जरिए सुलझ गया है। गड़बड़ी और अनियमितता की शिकायतों के बाद कलेक्टर ने पुरानी सूची को निरस्त कर दिया था। जिसके बाद चार सदस्यीय समिति बनाकर काउंसलिंग की प्रक्रिया के जरीये नई पदस्थापना की गई।
डाइट बीजापुर में चले 3 दिन तक काउंसलिंग में जिला शिक्षा अधिकारी बीआर बघेल के साथ संयुक्त कलेक्टर पवन कुमार प्रेमी, संयुक्त कलेक्टर सुमन राज, उपसंचालक गीत सिन्हा ने काउंसलिग की प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से पूरा किया। जिले के 543 सहायक शिक्षकों को आमंत्रित कर अपनी पसंद से स्कूल चुनने का मौका दिया गया। जिन्हें पसंदीदा जगह नहीं मिल पाया, उन्हें अन्य स्कूल चयन करने का मौका दिया गया।
प्रक्रिया में पहले दिन दिव्यांग , नक्सल पीडि़त और महिलाओं को अवसर देकर जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने संवेदनशील तरीक़े से पदस्थापना की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।
दूसरे दिन 300 क्रम तक वरिष्ठता और तीसरे दिन शेष सभी सहायक शिक्षको का काउंसलिंग कर जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने सफलता पूर्वक निर्विवाद रूप से काउंसलिंग की प्रक्रिया को पूरा किया।
गौरतलब है कि पूर्व में जारी सूची में तत्कालीन डीईओ पर विसंगति अनियमितता और लेन-देन के गंभीर आरोप लगे। विसंगति और अनियमितता की शिकायत विधायक और कलेक्टर से संघ और पीडि़त शिक्षकों ने कर सूची संसोधन को निरस्त करने की मांग की। शिकायत के बाद कलेक्टर ने संयुक्त कलेक्टर और एसडीएम पवन कुमार प्रेमी के नेतृत्व में चार सदस्यीय दल गठन कर मामले की जांच कराई और अनियमितता सामने आने पर सूची निरस्त करने की कार्यवाही कर काउंसलिंग से नई पदस्थापना का आदेश दिया।
इस मामले में पीडि़त शिक्षक लगातार नियम पूर्वक पारदर्शी तरीके से पदस्थापना की मांग कर रहे थे, जिसके बाद काउंसलिंग की प्रकिया अपनाकर विसंगति को दूर करते हुए 543 सहायक शिक्षकों के प्रधान अध्यापक बनने का मार्ग प्रशस्त कर दिया गया।
शिक्षकों के हित में हुई काउंसलिंग- डीईओ बघेल
सहायक शिक्षक एलबी से प्रधान अध्यापक प्राथमिक शाला में पदोन्नति के बाद पदस्थापना की जानकारी देते हुए डीईओ बी आर बघेल ने बताया कि पूर्व की सूची में गड़बड़ी और अनियमितता की शिकायत के बाद कलेक्टर के निर्देश पर काउंसलिंग ही बेहतर और पारदर्शी प्रक्रिया रही, जिसमें हमने सभी शिक्षकों को आमंत्रित कर नियम पूर्वक शाला चयन करने का अवसर दिया और निर्विवाद रूप से पदस्थापना की कार्यवाही को पूर्ण किया। काउंसलिंग को पूर्ण करने में संयुक्त कलेक्टर द्वय और उपसंचालक पंचायत का विशेष योगदान रहा।